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सीएम सर, आप ही हमारे अभिभावक, कार्यक्रम में बोले अनाथ बच्चे
हमीरपुर जिला के बिझड़ी में आयोजित ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के तहत संवाद के दौरान मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना (Sukh-Aashray Yojana) के लाभार्थियों ने सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) का इस कल्याणकारी योजना के लिए आभार व्यक्त किया। लाभार्थी रजीना बेगम ने कहा कि देश के इतिहास में किसी ने भी इस तरह की योजना के बारे में नहीं सोचा। आज आपके आशीर्वाद से बी.एड. कर रही हूं, जिसके लिए उन्होंने सीएम का धन्यवाद भी किया और कहा कि अनाथ बच्चों की कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता, लेकिन आप ही हमारे अभिभावक हैं।
साल में एक बार टूअर भी कराया जाएगा
सीएम के पूछने पर रजीना ने बताया कि पढ़ाई की पूरी फीस और 4000 रु. पॉकेट मनी मिल रही है। इस पर सीएम ने कहा कि साल में एक बार टूअर भी कराया जाएगा। एक अन्य लाभार्थी विकास ने भी इस योजना के लिए सीएम का आभार व्यक्त किया और कहा कि सुख-आश्रय योजना से लाभ लेकर आज वह अपना मकान बना रहा है। सीएम ने कहा कि पक्का मकान बना रहे हैं ना, तो विकास ने कहा कि हां सर, आपकी मदद से अच्छा मकान बन रहा है।
राजस्व मामलों का समयबद्ध निपटारा अनूठी पहल
राजस्व लोक अदालतें (Revenue Lok Adalats) लगाने की भी स्थानीय लोगों ने खूब सराहना की। राजेंद्र वर्मा ने कहा कि राजस्व मामलों का समयबद्ध निपटारा करना राज्य सरकार की अनूठी पहल है। उन्होंने गांव में अपनी भूमि की तकसीम करवाई और उन्हें देखकर गांव के अन्य परिवार भी तकसीम करवाने के लिए आगे आ रहे हैं। सरकार की इस पहल से गांव में झगड़े कम होंगे और विभाग जवाबदेह बनेंगे। वहीं, अजीत सिंह ने कहा कि तकसीम और इंतकाल का काम लंबे समय से लंबित था, लेकिन राज्य सरकार की पहल से दस-पंद्रह दिन में ही यह काम हो गया।
रविंद्र सिंह बोले- ऐसा सीएम हर प्रदेश को मिले
आपदा राहत पैकेज की लाभार्थी मीना कुमारी ने कहा कि भारी बरसात (Heavy Rainfall) में उनका मकान गिर गया था और अब तीन लाख रु. की किस्त मिलने के बाद फिर से घर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम सर, अगर आप मुआवजा बढ़ाकर सात लाख रु. नहीं करते तो हमारा मकान शायद कभी नहीं बनता। वहीं, रविंद्र सिंह ने कहा कि ऐसा सीएम हर प्रदेश को मिले, क्योंकि गरीब की मदद करने के उनके प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि आपदा राहत पैकेज के तहत उन्हें भी मकान बनाने को आर्थिक मदद मिल रही है।