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सुख सरकार एक वर्ष में प्लास्टिक का विकल्प तलाशने के लिए तैयार करेगी नीति
शिमला। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घोषणा की है कि राज्य सरकार प्लास्टिक का विकल्प तलाशने के लिए एक वर्ष के भीतर नीति तैयार करेगी। सरकार उद्योगों को प्लास्टिक के विकल्प के लिए प्रोत्साहित करेगी और प्रदेश में प्लास्टिक पर चरणबद्ध तरीके से पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने सड़क निर्माण में प्लास्टिक के उपयोग पर बल दिया। सीएम ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम में संस्कृति और पर्यावरण सम्बन्धित विषयों को सम्मिलत करने पर भी विशेष बल दिया। सीएम ने लोगों से पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने में सरकार के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मौसम में बदलाव के दृष्टिगत देश में जल संकट बढ़ रहा है और कई राज्य हिमाचल से अधिक पानी की मांग कर रहे हैं।
ग्रीन कॉरिडोर स्थापित करने वाला पहला राज्य
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में ई-बसों, ई-ट्रकों और ई-टैक्सियों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को कम करना और परिवहन क्षेत्र में कार्यरत लोगों की आय में वृद्धि करना है। ग्रीन कॉरिडोर स्थापित करने में हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है और इसके लिए अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है। सीएम ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में 9 महिला स्वयं सहायता समूहों को डोना-पत्तल मशीनें वितरित कीं और 20 एकल नारियों को सोलर लाइटें प्रदान कीं। उन्होंने मिशन लाइफ का बैच और पोस्टर भी जारी किया।पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के प्रतीक के रूप में मुख्यमंत्री को रिसाइकिल प्लास्टिक से बनी जैकेट भेंट की गई। सीएम ने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और अन्य संगठनों की प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ भी किया।
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर चिंता जताई
जीआईजेड के क्लस्टर प्रमुख मोहम्मद अल खवाद ने हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। हिमाचल प्रदेश में इस समस्या के समाधान के लिए जीआईजेड चार प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से इस सक्रिय रूप कार्य कर रहा है। ये परियोजनाएं वन प्रबंधन, आर्द्रभूमि प्रबंधन, जल सुरक्षा और जल प्रबंधन पर केंद्रित हैं। जीआईजेड का लक्ष्य इन पहलों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन निपटना और क्षेत्र में सत्त प्रचलनों को बढ़ावा देना है।
प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया के हर कोने में पहुंचा
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की राजदूत दीया मिर्जा ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया के हर कोने में पहुंच गया है। हर वर्ष 400 मिलियन टन प्लास्टिक बाजार में पहुंचता है। इस खतरे से निपटने के लिए सरकार और उद्योगों को मिलकर सोचना होगा। प्लास्टिक मानव शरीर में प्रवेश कर गया है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाली सभी संस्थाओं से निरंतर कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा कि प्लास्टिक का विकल्प तलाश करना अनिवार्य है।
उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज पीटरहॉफ में आयोजित समोराह में पर्यावरण संरक्षण तथा सत्त विकास की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न संगठनों को पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया। विजेताओं को प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 हजार रुपये तथा द्वितीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई। विद्यालय श्रेणी में राजकीय प्राथमिक पाठशाला डगराहां, जिला बिलासपुर को प्रथम, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बघेरी जिला सोलन को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। गैर सरकारी संगठन की श्रेणी में मैसर्ज क्रिच क्लीनिंग प्राइवेट लिमिटेड, जिला कुल्लू को प्रथम जबकि पर्यावरण सोसायटी नाहन, जिला सिरमौर और जैव विविधता पार्क भुलाह, जिला मंडी को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
उद्योग श्रेणी में मेसर्ज ल्यूमिनस पावर टेक प्राइवेट लिमिटेड, गगरेट, जिला ऊना ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया, जबकि मेसर्ज नेस्ले इंडिया लिमिटेड टाहलीवाल, जिला ऊना और मेसर्ज फेरमेंटा बायोटेक लिमिटेड, जिला मंडी को संयुक्त रूप से द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। अस्पताल श्रेणी में नागरिक अस्पताल सुंदरनगर जिला मण्डी को प्रथम, जबकि नागरिक अस्पताल सरकाघाट जिला मण्डी ने द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। व्यक्तिगत श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जुब्बल जिला शिमला निवासी ओम प्रकाश शर्मा तथा द्वितीय पुरस्कार पंजेहटी जिला मंडी निवासी डॉ. तारा देवी को प्रदान किया गया। शहरी स्थानीय निकाय श्रेणी में प्रथम पुरस्कार नगर परिषद सुजानपुर, जिला हमीरपुर तथा द्वितीय पुरस्कार नगर पंचायत अर्की, जिला सोलन को प्रदान किया गया।