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भोटा में CM Sukhu की डोज कर गई काम,नहीं हुआ चक्का-जाम, शांतिपूर्ण रहा धरना
Radha Soami Hospital Bhota Issue: हमीरपुर। डेरा राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा (Radha Soami Charitable Hospital Bhota) को लेकर मचे बवाल के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने इस संबंध में चर्चा करने के लिए पहली दिसंबर रविवार दोपहर दो बजे अपने शिमला स्थित आधिकारिक आवास ओक ओवर में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इसी के चलते आज भोटा में प्रदर्शनकारियों ने (Protest) धरना-प्रदर्शन तो किया पर चक्का-जाम नहीं किया। इससे पहले चार रोज से यहां पर अस्पताल को बंद किए जाने के विरोध में चक्का जाम (Traffic Jam) हो रहा था। लेकिन आज लोगों में सीएम की पहल में कुछ उम्मीद नजर आई इसलिए उन्होंने अस्पताल के गेट के बाहर हाथों में तख्तियां लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना ही दिया है।
प्रयास नाकाम रहे तो आंदोलन तेज होगा
प्रदर्शन (Protest) कर रहे रिटायर्ड एसडीओ रविन्द्र खन्ना ने बताया कि सीएम सुक्खू के द्वारा पहली दिसंबर को इस संदर्भ में बैठक बुलाए जाने के निर्णय का वह स्वागत करते हैं। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाई है कि अस्पताल को बंद करने का फैसला सही नहीं है और इस पर पुनर्विचार करे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के अस्पताल को खुलवाने के प्रयास नाकाम रहे तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। धरने पर आई महिलाओं ने बताया कि भोटा अस्पताल में वर्षों से मुफ्त इलाज होता है और सभी लोग चाहते है कि यह अस्पताल बंद नहीं होना चाहिए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि भोटा अस्पताल बंद नहीं होना चाहिए क्योंकि इसमें हर तरह की सुविधा मिलती है।
सीएम अस्पताल को बंद होने से किसी भी तरह रोके
डिडवीं टिक्कर से आए हुए व्यक्ति ने बताया कि पिछले चार दिनों से भारी संख्या में लोग धरना.प्रदर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, क्योंकि पहली तारीख से अस्पताल बंद करने के लिए नोटिस लगाया गया है। उन्होंने बताया कि गांवों के लोग अस्पताल में फ्री में इलाज की सुविधा पाते है इसलिए लोगों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू द्वारा बैठक बुलाने पर लोगों में खुशी है और उम्मीद है कि पहली दिसंबर को हल निकल जाएगा। धरने पर बैठी बुजुर्ग महिला ने मांग करते हुए कहा कि भोटा अस्पताल बंद नहीं होना चाहिए और कई दिनों से महिलाएं धरना करने के लिए आ रही है, इसलिए सीएम (CM) को चाहिए कि अस्पताल को बंद होने से किसी भी तरह रोके।
पहली को शिमला में बुलाई बैठक
डेरा राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा (Radha Soami Charitable Hospital Bhota) को लेकर मचे बवाल के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने इस संबंध में चर्चा करने के लिए पहली दिसंबर रविवार दोपहर दो बजे अपने शिमला स्थित आधिकारिक आवास ओक ओवर में उच्च स्तरीय बैठक (Meeting) बुलाई है। सीएम सुक्खू इस वक्त दिल्ली में हैं,लेकिन उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए रविवार के लिए ये बैठक बुला ली है। वह दिल्ली से लौटते ही इस मामले के समाधान के लिए अधिकारियों से चर्चा करेंगे। डेरा राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा वर्षों से लोगों का सस्ता इलाज करता आ रहा है। दवाइयां भी बहुत कम या फिर फ्री में लोगों को दी जाती है, लेकिन अब पहली दिसंबर से अस्पताल को बंद करने के नोटिस लगाए जाने से लोग भड़क गए हैं। अस्पताल बंद होने के विरोध में लोग चक्का जाम के साथ सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन (Protest) कर रहे हैं।
भूमि हस्तांतरित करने को ऑर्डिनेंस लाएगी सुक्खू सरकार
डेरा राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा (Radha Soami Charitable Hospital Bhota) की भूमि हस्तांतरित (Land Transfer) करने के लिए सुक्खू सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Vidhan Sabha) में ऑर्डिनेंस लाएगी। दरअसल चैरिटेबल अस्पताल इसे अपनी सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन को ट्रांसफर करने की सरकार से अनुमति मांग रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार विधानसभा सत्र में बिल लाने जा रही है। बिल के तहत चैरिटेबल अस्पताल के लिए हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम 1972 के तहत धारा 118 में छूट प्रदान की जा सकती है।
अस्पताल में होता है निशुल्क इलाज
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास (Dera Radha Soami Satsang Beas) लंबे समय से अस्पताल को अपनी सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन को देने का आग्रह कर है लेकिन इसमें लैंड सीलिंग एक्ट 1972 के तहत कुछ अड़चने आ रही है। इसको लेकर सरकार कानूनी राय ले रही है और आगामी विधानसभा शीतकालीन सत्र में इसको लेकर बिल लाया जाएगा । डेरा स्वामी सत्संग ब्यास जनसेवा का कार्य कर रहा है और अस्पताल में भी लोगों का निशुल्क इलाज होता है, लेकिन अस्पताल के इक्यूपमेंट खरीदने पर उन्हें जीएसटी (GST) देना पड़ रहा है। इसकी वजह से ही डेरा सत्संग ब्यास अपनी सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन को यह ट्रांसफर करना चाह रही है।
-अशोक राणा