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हिमाचल में दुग्ध संग्रहण के लिए क्लस्टर स्तर पर स्थापित होंगे चिलिंग प्वाइंट्स
शिमला। हिमाचल को दुग्ध उत्पादक राज्य बनाने के लिए दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) के तहत वृहद स्तर पर सुदृढ़ किया जाएगा। यह बात शुक्रवार को सीएम ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने नई दिल्ली में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला (Union Animal Husbandry and Dairying Minister Parshottam Rupala) से भेंट के दौरान कही। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री से राज्य के लिए अभिशीतन, परिवहन और डेयरी उत्पादों से संबंधित एक समग्र डेयरी परियोजना का आग्रह किया। सीएम ने कहा कि गांवों में दुग्ध एकत्रीकरण के बाद शंकुल (क्लस्टर) स्तर पर चिलिंग प्वाइंट स्थापित किए जाएंगे। इन चिलिंग प्वाइंट्स (Chilling Point) से प्रशितित (रेफ्रिजरेटिड) दुग्ध वाहन के माध्यम से दूध को जिला स्तर पर स्थापित मुख्य संयंत्र तक पहुंचाया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक से विभिन्न दुग्ध उत्पाद (Dairy Products) तैयार करने पर विशेष बल दिया जाएगा, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों सहकारी क्षेत्र के प्रबंधन कौशल की बारीकियां सीखने के लिए गुजरात भ्रमण पर भेजा जाएगा। वहीं केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात इस परियोजना के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी।
सीएम सुक्खू (CM Sukhu) ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय (Animal Husbandry and Dairying Business) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सीएम ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष पशुधन बीमा योजना के तहत राज्य को लगभग 15 करोड़ रुपये की लंबित राशि जारी करने का मामला भी उठाया।
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