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ओमीक्रॉन के मरीजों में यह चीज है सामान्य, बढ़ रहा री-इंफेक्शन का खतरा
Last Updated on December 9, 2021 by admin
दुनियाभर में अभी भी कोरोना (corona) का खतरा पूरी तरह से कम नहीं हुआ है, वहीं अब कोरोना का ओमीक्रोन (omicron) वैरिएंट कई देशों में अपने पैर पसार रहा है। ओमीक्रोन वैरिएंट डेल्टा समेत अन्य कई वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमीक्रोन वैरिएंट म्यूटेशन के कारण फैल रहा है और वैरिएंट से ज्यादा म्यूटेट होने से री-इंफेक्शन का खतरा भी हो सकता है।
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गौरतलब है कि ओमीक्रोन ने भारत में भी दस्तक दे दी है। पूरे भारत में अभी तक ओमीक्रोन 23 मामले आ चुके हैं। भारत के राजधानी दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल (Lok Nayak Jai Prakash Hospital) में हाई रिस्क वाले देशों से आने वाले दो मरीज कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि, जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) में उनकी ओमीक्रोन टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जबकि एक मरीज में ओमीक्रोन के हल्के लक्षण पाए गए हैं। एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि ओमीक्रोन के मरीज में नाक बहने और गले की खराश के अलावा किसी और बीमारी का कोई भी लक्षण नहीं पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 50 आइसोलेटेड बेड्स (isolated beds) मौजूद है और रामलीला मैदान में 500 अलग-अलग आईसीयू कोविड-19 बेड्स हैं।
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बता दें कि राजस्थान के ओमीक्रोन वैरिएंट वाले सभी 9 मरीजों में कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं। जबकि राजस्थान में कोविड-19 के 11 नए मामले सामने आए हैं, जिनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र में ओमीक्रोन के पहले मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई है। वैज्ञानिकों ने ओमीक्रोन के लक्षणों को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ओमीक्रोन के लक्षणों का अभी पता नहीं चल पा रहा है, जिस कारण लोग टेस्ट भी नहीं करवा रहे हैं और आइसोलेट भी नहीं हो रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कोरोना की तीसरी लहर का असर ज्यादातर बच्चों पर होगा।