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सीएम साहब ! मांगों को नहीं माना तो प्रदेश में इस बार रिवाज नहीं ताज बदलेगा
मडी। करुणामूलक आश्रितों (Compassionate Dependents) को शिमला में धरने पर बैठे एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन हिमाचल प्रदेश सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। करुणामूलक आश्रितों की मांगों को अनसुना कर प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर व पूरा मंत्रिमंडल कुंभकरण की नींद सोया हुआ है। यदि 2 महीनों के अंतराल में उनकी मांगों को माना नहीं जाता है तो आने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Election) में प्रदेश सरकार को इसका करारा जवाब दिया जाएगा। यह चेतावनी बुधवार को मंडी में आयोजित संकल्प रैली के दौरान करुणामूलक संघ ने दी है। इस मौके पर करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि प्रदेश में पहली बार हुआ है कि अपनी मांगों को लेकर किसी संघ ने इतने लंबे समय तक भूख हड़ताल की हो।
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उन्होंने कहा कि करुणामूलक आश्रितों के प्रदेश में इस समय 4500 परिवार है। इन परिवारों में चार लाख से अधिक वोटर हैं। यदि प्रदेश सरकार जल्द उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो यह परिवार आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका जवाब देंगे। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) को चेतावनी देते हुए कहा कि सीएम हर मंच पर कह रहे हैं कि वे इस बार प्रदेश में रिवाज बदलेंगे। लेकिन यदि प्रदेश सरकार करुणामूलक आश्रितों की मांगों को नहीं मानती है तो करुणामूलक आश्रितों के परिवार रिवाज नहीं ताज बदलने के लिए मजबूर होंगे। इससे पूर्व करुणामूलक आश्रितों ने मंडी शहर में रोष रैली निकाली। इस दौरान सैकड़ों करुणामूलक आश्रितों ने हाथों में बैनर लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। संकल्प रैली के दौरान करुणामूलक आश्रितों ने अनुकंपा के आधार पर दी जाने वाली नौकरियों में आयु सीमा को हटाने, वन टाइम सेटेलमेंट के माध्यम से विभिन्न विभागों में लंबित करुणामूलक मामलों का जल्द निपटारा करने व पांच फीसदी कोटे को हटाने की मांग उठाई है।
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