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हिमाचल में सात फरवरी से सरकारी निर्माण कार्य ठप, यह है वजह
Last Updated on February 4, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश में ठेकेदार (Contractors) सात फरवरी से हड़ताल पर जा रहे हैं। इससे प्रदेश में सभी सरकारी निर्माण कार्य बंद हो जाएंगे। जीएसटी (GST) की लंबित राशि का भुगतान न करने और डब्ल्यू फार्म के नियमों को सख्ती से लागू करने के विरोध में ठेकेदारों ने यह फैसला लिया है। अब कोई भी ठेकेदार सरकारी टेंडर (Public Tender) में शामिल नहीं होगा। बर्फबारी से बंद सड़कों को बहाल करने के लिए मशीनरियां भी नहीं दी जाएंगी। प्रदेश और जिला कार्यकारिणी समिति की वर्चुअल बैठक में यह फैसला लिया गया है। हिमाचल ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश कुमार बिज ने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) से वार्तालाप के बाद भी मामला नहीं सुलझाया गया है। ठेकेदार सरकार से माइनिंग के नियमों में संशोधन कर सरलीकरण की मांग कर रहे हैं। क्रेशर में डब्ल्यू फार्म देने की सीमा तय की गई है। ऐेसे में ठेकेदारों को यह फार्म नहीं मिल रहे हैं, जिससे लोक निर्माण और अन्य विभागों के पास करोड़ों की राशि फंस गई है।
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ठेकेदार सरकारी भवनों के अलावा डंगों के काम कर चुके हैं। अब पैसे की बात आई तो ठेकेदारों से डब्ल्यू फार्म मांगे जा रहे हैं। ठेकेदार एक जुलाई 2017 से पहले के कार्यों पर पूरा रिफंड मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक यह पैसा नहीं दिया गया है। ठेकेदारों का तर्क है कि उस समय सरकार में नया टैक्स (Tax) ढांचा लागू नहीं था। बावजूद इसके पहले के आवंटित कार्यों पर भी रिफं ड नहीं मिल रहा है। बिज ने कहा कि दो बार जीएसटी देने पर ठेकेदारों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है। सरकार से कई बार इस मामले को उठाया गया, लेकिन आश्वासन के सिवाय कोई भी राहत नहीं दी गई है। वहीं, लोक निर्माण विभाग (PWD) की इंजीनियर इन चीफ अर्चना ठाकुर ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए कमेटी बनी हुई है। जल्द ही इसे सुलझा लिया जाएगा।
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