-
Advertisement

Corona Infected बुजुर्ग को लगी चाय की तलब, Hospital से भाग कर पहुंचा दुकान और फिर हुआ ये…
नई दिल्ली। कोरोना मरीजों (Corona patients) की छोटी सी लापरवाही भी लोगों की जान जोखिम में डाल सकती है। एक ऐसे ही मामले के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जहां एक कोरोना मरीज को चाय पीने की ऐसी तलब लगी कि उसने कई लोगों की जिंदगी को जोखिम में डाल दिया। बताया जा रहा है कि इस शख्स को अस्पताल (Hospital) में किसी ने चाय (Tea) नहीं दी थी, ऐसे में बुजुर्ग अस्पताल से निकल कर एक दुकान में चला गया और वहां जाकर चाय पीने लगा। इस मामले में भी और रोचक मोड़ तब आया जब चाय की दुकान पर मौजूद लोगों ने बुजुर्ग के हाथ पर वीगो लगा देखा। बुजुर्ग ने लोगों को बताया कि उसे कोरोना वायरस (Corona Patient)है और वह अस्पताल में भर्ती है।यह सुनकर वहां पर हड़कंप मच गया।
हाथ से फ्लूड निकाली, फिर चाय की दुकान पर चला गया बुजुर्ग
हैरान कर देने वाला यह मामला कर्नाटक के मैसुरु (Mysuru of Karnataka) का है। नगरभावी के रहने वाले बुजुर्ग को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, उसकी कोरोना रिपोर्ट मंगलवार को ही पॉजिटिव पाई गई थी, जिसके बाद उसे कोविड- केयर अस्पताल (Covid-Care Hospital) में रेफर किया गया। बुजुर्ग अस्पताल में ही एंबुलेंस का इंतजार कर रहा था। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग ने मंगलवार की सुबह लगभग पांच बजे अस्पताल स्टाफ (Hospital Staff) से चाय मांगी। स्टाफ ने बुजुर्ग को चाय नहीं दी तो सुबह साढ़े सात बजे हाथ से फ्लूड निकाल कर अस्पताल से चुपचाप चाय की दुकान पर चला गया और वहां जाकर चाय पीने लगा। अस्पताल प्रशासन को जैसे ही कोरोना मरीज के गायब होने की भनक लगी तो हड़कंप मच गया। अस्पताल प्रशासन ने जब चाय पीने निकले बुजुर्ग की तलाश शुरू की तो उसे एक चाय की दुकान पर पाया।
बुजुर्ग ने दुकान में बताई कोरोना संक्रमित होने की बात
उधर, बुजुर्ग से ये सुनकर कि वह कोरोना संक्रमित है चाय की दुकान पर मौजूद लोग चाय के कपों को वहीं छोड़ कर भाग निकले। चाय की दुकान के मालिक, नारायण एलसी ने बताया कि उन्होंने बुजुर्ग को वहां से जाने को कहा लेकिन वह नहीं माना तो उन्होंने भी डरकर अपनी दुकान तुरंत बंद कर दी। यहां तक कि बुजुर्ग से चाय के रुपए भी नहीं लिए। इसके बाद चाय की दुकान का मालिक दौड़कर अस्पताल (Hospital) गया और कोरोना मरीज के बारे में जानकारी दी। इस पर बुजुर्ग के परिवार को भी अस्पताल में बुला लिया गया। लेकिन बुजुर्ग के परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर ही लापरवाही (carelessness) का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन लोगों ने अस्पताल प्रशासन को डेढ़ लाख रुपए दिए हैं लेकिन वह बुजुर्ग को एक चाय का कप भी नहीं दे पाए।