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कोरोना ने बिगाड़ी ऐसी हालत, English टीचर को करनी पड़ गई मजदूरी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण स्कूल-कॉलेज बंद हैं ऐसे में लोगों को ऐसे काम भी करने पड़ रहे हैं जो शायद वो कभी ना करना चाहें। एक ऐसे ही मामले में एक इंग्लिश टीचर को मजदूरी करते देखा गया क्योंकि लॉक डाउन के कारण स्कूल बंद पड़े हैं और आमदनी का कोई जरिया नहीं है। ऐसे में उन्होंने परिवार का पेट पालने के लिए मजदूरी करना ही ठीक समझा।
30 वर्षों से बच्चों को स्कूल में अंग्रेजी पढ़ा रहे थे
मामला केरल (Kerala) का है जहां, एक टीचर की नौकरी चली गई। अब पेट पालने के लिए उन्हें मजदूरी करनी पड़ रही है।पालेरी मीथल बाबू की उम्र 55 वर्ष है। वो केरल के ओंचियाम में रहते हैं। बीते 30 वर्षों से बच्चों को स्कूल में अंग्रेजी पढ़ा रहे थे। लेकिन अब लॉकडाउन के बाद और कोरोना के जारी कहर के चलते स्कूल तो खुल नहीं रहे। इसलिए रोजी रोटी कमाने के लिए उन्हें एक कंस्ट्रक्शन साइट (Construction site) पर मजदूरी करनी पड़ रही है। बता दें, वह हायर सेकेंडरी स्टूडेंट्स को इंग्लिश पढ़ाते हैं। उन्होंने मई में एक कंस्ट्रक्शन साइट पर जाना शुरू किया। यहां उन्हें सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर के 3 बजे तक काम करना पड़ता था। उन्हें दिहाड़ी के 750 रुपए मिलते, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें यहां सिर्फ सात दिन ही काम मिला है।
काफी गरीबी में की थी पढ़ाई
उनका कहना है कि उन्होंने पढ़ाई काफी गरीबी में की थी ऐसे में उन्होंने बीए इंग्लिश से की, फिर चेन्नई चले गए। वहां उन्होंने होटल में स्पायलर की जॉब की , इसके साथ ही उन्होंने इंग्लिश की पढ़ाई जारी रखी। जिसके बाद उन्हें parallel college में नौकरी मिल गई। दरअसल, इतनी मेहनत उन्हें इसलिए करनी पड़ रही है क्योंकि उनके सिर बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी है साथ ही उन्होंने होम लोन भी लिया है।