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Corona संकट में DC को मिली यह पावर, स्कूलों में भी बन सकेंगे क्वारंटाइन सेंटर
शिमला। कोविड-19 (Covid-19) मरीजों के लिए अब डीसी अपने क्षेत्राधिकार में किसी भी संस्थान को कोविड केयर सेंटर घोषित कर सकेंगे। यह बात सीएम जयराम ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलों में कोविड-19 मरीजों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से यह अधिकार डीसी को दिए गए हैं। सीएम जयराम सोमवार को शिमला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से डीसी (DC), एसपी (SP) तथा सीएमओ (CMO) के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों में फंसे तथा हिमाचल आने के इच्छुक लोगों को संबंधित उपायुक्तों के समक्ष ऑनलाइन (Online) आवेदन करने के उपरांत पूरी जांच के बाद ही प्रदेश में आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले तीन दिन में कोरोना के 100 नए मामले आए हैं, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा देश के विभिन्न भागों में फंसे दो लाख लोगों को वापस लाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में केवल मृत्यु या बीमारी की स्थिति में ही लोगों को ई-पास प्रदान किए जाने चाहिए।
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जयराम बोले, होम क्वारंटाइन तंत्र को बनाया जाए अधिक प्रभावी
जय राम ठाकुर ने कहा कि होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए तथा ऐसे लोगों पर लगातार निगरानी रखकर उनका घर पर ही रहना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्थागत क्वांरटाइन (Institutional Quarantine) की अधिक सुविधाएं सृजित की जानी चाहिए, ताकि इन्फ्लुएंजा लक्षण वाले लोगों की संख्या बढ़ने पर बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। सीएम ने कहा कि उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में आने वाले लोग अपने ई.पास में न केवल अपने गंतव्य स्थान, बल्कि अपने प्रारंभिक स्थान का नाम भी दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हो तो संस्थागत क्वांरटाइन के लिए स्कूलों का भी उपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, जो क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करते हैं तथा अपने प्रारंभिक स्थान को छुपाते हैं।
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रेड जोन से आए लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन में रखें
उन्होंने कहा कि जो लोग रेड जोन शहरों से आ रहे हैं, उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन में रखना चाहिए तथा इसके चार-पांच दिन के बाद उनकी कोविड जांच की जानी चाहिए तथा जांच रिपोर्ट नकारात्मक आने के बाद ही उन्हें होम क्वांरटाइन के लिए घर जाने की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।