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दिव्यांग अंजना ठाकुर नागपुर में साइंस कांग्रेस एसो के शिमला चैप्टर का करेगी प्रतिनिधित्व
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बॉटनी में पीएचडी (PhD in Botany) कर रही अत्यंत मेधावी दिव्यांग छात्रा अंजना ठाकुर (Anjana Thakur) नागपुर में हो रही प्रतिष्ठित इंडियन साइंस कांग्रेस में साइंस कांग्रेस एसोसिएशन (Science Congress Association) के शिमला चैप्टर का प्रतिनिधित्व करेगी। वह सीएसआईआर की जूनियर रिसर्च फेलो भी हैं। वहां उन्हें विश्व के जाने-माने एवं नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) से सम्मानित वैज्ञानिकों से मिलने का अवसर भी मिलेगा। कुलपति प्रोफसर सत प्रकाश बंसल (Sat Prakash Bansal) ने अंजना ठाकुर को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। विश्वविद्यालय के विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो अजय श्रीवास्तव (Prof.Ajay Srivastava) के अनुसार इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के शिमला चैप्टर की संयोजक प्रोफेसर नीरज शर्मा ( Neeraj Sharma) की संस्तुति पर अंजना ठाकुर को नागपुर विश्वविद्यालय में 3 से 7 जनवरी तक होने वाली इंडियन साइंस कांग्रेस में भाग लेने का निमंत्रण मिला है।
सम्मेलन की इस बार की थीम है सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं महिला सशक्तिकरण। उन्होंने बताया कि करसोग के पांगणा की रहने वाली अंजना ठाकुर जीवन में अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना कर के आगे बढ़ी हैं। बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाली अंजना जब करसोग कॉलेज में बीएससी की छात्रा थी तो बिजली के करंट लगने से उसका दाहिना हाथ (Right Hand) काटना पड़ा था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और बाएं हाथ से लिखने का अभ्यास किया। अंजना ठाकुर ने बहुत अच्छे अंको से बीएससी और फिर प्रदेश विश्वविद्यालय से एमएससी (MSc) की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद पहले ही प्रयास में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यूजीसी की नेट और जेआरएफ की कठिन परीक्षा पास कर ली। अब वह प्रदेश विश्वविद्यालय में बॉटनी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ धीरज सिंह रावत के निर्देशन में पीएचडी कर रही हैं।उनका उद्देश्य वनस्पति विज्ञान में उच्च स्तरीय रिसर्च कर के वैज्ञानिक बनना है। डॉ रावत ने कहा कि अंजना एक मेधावी और कठिन परिश्रम करने वाली छात्रा है।
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