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जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें Hand Sanitizer, सेहत को हो सकते हैं ये नुकसान
कोरोना संकट में हम सभी लोगों को बार-बार हाथ धोने की हिदायत दी जा रही है। जो लोग साबुन से हाथ नहीं धो पाते उन्हें हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) का उपयोग करने को कहा जाता है। सैनिटाइजर हाथ के किटाणुओं को तो मार देता है लेकिन इसके नुकसान भी हैं। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉक्टर आरके वर्मा ने भी कहा है कि हैंड सैनिटाइजर का एक सीमा से अधिक उपयोग करना सेहत के लिए हानिकारक (Harmful) हो सकता है। इससे बचाव के लिए उन्होंने सुझाव दिया है कि जब आप लोग घर में हो उस समय हैंड सैनिटाइजर के उपयोग की जगह साबुन और पानी से ही हाथ धोएं। हम आपको बताते हैं कि हैंड सैनिटाजर किस तरह से आपको नुकसान पहुंचाता है …
सैनिटाइजर को बनाने में जिन केमिकल्स का उपयोग किया जाता है, उनमें आमतौर पर बेंजाल्कोनियम क्लोराइड होता है। यह रसायन हाथ की त्वचा पर स्थित कीटाणुओं को लगभग पूरी तरह खत्म कर देता है। किसी भी तरह के बैक्टीरिया और इंफेक्शन (Bacteria and infection) फैलाने वाले पैथोजेन्स त्वचा पर एक्टिव नहीं रह पाते हैं। लेकिन जब इस रसायन को हाथ पर बहुत अधिक उपयोग किया जाने लगता है तो यह कुछ लोगों में एलर्जी, खुजली या जलन की वजह बन सकता है। ऐसा आमतौर पर उन लोगों के साथ होता है, जिनकी त्वचा बहुत अधिक संवेदनशील होती है।
हैंड सैनिटाइजर का बहुत अधिक उपयोग बच्चों की सेहत के लिए भी ठीक नहीं है। ऊपर हमने जितनी भी बातें की हैं, इनमें से किसी भी तरह की समस्या होने पर आमतौर पर बच्चे माता-पिता को एक्सप्लेन नहीं कर पाते हैं कि उन्हें कैसा महसूस हो रहा है या क्या परेशानी हो रही है। वे सिर्फ चिड़चिड़े और बीमार हो जाते हैं इसलिए बच्चों को भी साबुन से हाथ धुलवाना ही सही है।
हैंड सैनिटाइजर को तैयार करते समय इसमें ट्राइक्लोसोन (Trichlosone) का उपयोग भी किया जाता है। यह एक ऐसा रसायन है, जो त्वचा द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। यानी हमारी त्वचा इस रसायन को सोख लेती है। इस कारण यह हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। यदि एक सीमित मात्रा से अधिक कोई भी बाहरी रसायन शरीर में जाएगा तो उसके साइड इफेक्ट्स निश्चित तौर पर होते हैं।
बहुत अधिक हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने से हाथों में रुखापन बढ़ने लगता है। बार-बार साबुन से हाथ धोने पर भी इस तरह की समस्या होती है। इस स्थिति से बचने के लिए बेहतर होता है कि आप हाथ पोछने के तुरंत बाद अपने हाथों पर एक बूंद सरसों तेल लगाकर मालिश कर लें। सरसों तेल अधिक मात्रा में ना लें नहीं तो यह चिपचिपाहट पैदा करेगा। यह तेल ऐंटिवायरल, ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिइंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर होता है। इसलिए त्वचा पर अन्य किसी मॉइश्चराइजर से अधिक उपयोगी है। खासतौर पर आज के समय में कोरोना की स्थिति को देखते हुए।
हैंड सैनिटाजइजर्स को अच्छी सुंगध देने के लिए जिन रसायनों का उपयोग किया जाता है, उनमें फैथलेट्स भी शामिल है। यह एक ऐसा रसायन है, जिसके अधिक उपयोग का लिवर और किडनी पर नकारात्मक असर (Negative impact) देखने को मिलता है। इस कारण उन लोगों को अधिक दिक्कत होती है, जिन्हें पहले से ही पेट या पाचन से जुड़ी बीमारियां हों।
सैनिटाइजर का बहुत अधिक उपयोग करने के कुछ ऐसे नुकसान होते हैं, जिन पर हमारा जल्दी से ध्यान नहीं जाता है। मसलन सैनिटाइजर्स को खुशबूदार बनाने के लिए इनमें जिन रसायनों का उपयोग किया जाता है, कई बार वे रसायन स्ट्रेस और एंग्जाइटी को ट्रिगर करनेवाले होते हैं। ऐसा आमतौर पर उन लोगों के साथ होता है जो बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं।