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नकवी पर संशय बढ़ा-बीजेपी ने पहले रास से काटा पत्ता,अब लोस का भी टिकट नहीं
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) के राजनीतिक करियर पर संशय बढता ही जा रहा है। उनका राज्यसभा का कार्यकाल सात जुलाई को खत्म हो रहा है,लेकिन अभी तक बीजेपी ने उन्हें ना ही तो राज्यसभा की किसी सीट (Rajya Sabha seat) के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है,ना ही यूपी से होने वाले लोकसभा के दो उपचुनाव (Lok Sabha by-elections) में पार्टी ने उन्हें टिकट थमाया है। ऐसे में नकवी का सात जुलाई के बाद क्या होगा अभी तक इस पर संशय बरकरार है।
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राज्यसभा के बाद अब लोकसभा उपचुनाव में भी उम्मीदवारी हासिल नाकर पाने के बाद मुख्तार अब्बास नकवी को लेकर बीजेपी (BJP) के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है, उसके बाद वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं रहेंगे। ऐसे में पार्टी उन्हें लेकर क्या रणनीति बना रही है,किसी को पता नही। हालांकि, नकवी को संसद में लाने के लिए अभी एक विकल्प और मौजूद है। त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा (Tripura CM Manik Saha’s) की राज्यसभा सीट इसी माह रिक्त होगी। साहा अप्रैल में ही सदस्य बने थे और लगभग पूरा कार्यकाल बाकी है। ऐसे में पार्टी नकवी को त्रिपुरा में राज्यसभा के होने वाले उपचुनाव के रास्ते सदन का सदस्य बना सकती है। हालांकि, वह बिना सदस्य रहे भी छह माह तक मंत्री बने रह सकते हैं। पार्टी सूत्रों का ये भी कहना है कि नकवी को कोई और जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। अब ये तो आने वाले दिनों ही पता चल पाएगा।