-
Advertisement
भोरंज में दोनों दलों में गुटबाजी के चलते ना बीजेपी की ना कांग्रेस की राह आसान
भोरंज। चुनावी दौर है तो हर जगह गोटियां फिट करने का जुगाड़ चल रहा है। हर कोई चुनाव लड़ने का चाहवान है और हर कोई अपनी जीत का दावा भी करता फिर रहा है। हालांकि हिमाचल (Himachal) में चुनाव के लिए अभी प्रत्याशी फाइनल नहीं हुए हैं मगर अंदर ही अंदर कई दिग्गज चुनाव लड़ने चाहवान हैं। आइए आज भोरंज विधानसभा क्षेत्र (Bhoranj Assembly Constituency) की बात करते हैं। इस क्षेत्र में बीजेपी ने सात बार अपनी जीत दर्ज करवाई है। वहीं एक बार हुए उपचुनाव में भी जीत का सेहरा बीजेपी के सिर ही सजा है। कांग्रेस (Congress) को सात आम चुनाव और एक उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। 1990 से 2017 तक बीजेपी ने आठ बार जीत दर्ज करवाई है। इन आठ जीतों में से सात जीत बीजेपी नेता पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान (Former Education Minister ID Dhiman) और उनके बेटे अनिल धीमान के नाम पर है। वर्ष 2017 में आईडी धीमान का निधन हो गया और उसके बाद उनके बेटे को चुनावी मैदान में उतारा। उन्होंने जीत हासिल कर ली। वर्ष 2017 में बीजेपी ने महिला नेत्री कमलेश कुमारी को टिकट दे दी और वह भी जीत गईं।
कांग्रेस की गुटबाजी ही यहां लगातार बीजेपी की जीत का कारण बनती रही। हालांकि यह सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित है और यहां पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल (Former CM Prem Kumar Dhumal) के गुरु दिवंगत आईडी धीमान जीत हासिल करते रहे। इस सीट पर पिछले 32 वर्षों पर बीजेपी की काबिज है। कांग्रेस लगातार यहां चुनाव हारती रही। यहां से केवल कांग्रेस की ओर सन 1985 को धर्म सिंह ही जीत सके थे। इस सीट पर लगभग 80,347 मतदाता हैं इनमें 38,469 पुरुष और 40ए300 महिला मतदाता और 1,544 पुरुष सर्विस वोटर और 34 महिला सर्विस वोटर भी शामिल हैं। जब बीजेपी (BJP) का गठन नहीं हुआ था तो यहां सन 1972 से लेकर सन 1982 तक कांग्रेस का ही दबदबा था। इसके बाद जनता पार्टी के प्रत्याशी अमर सिंह ने सन 1977 में जीत दर्ज करवाई थी। कुल मिलाकर 1967 से अब तक 11 चुनावों और एक उपचुनाव में से कांग्रेस ने यहां पर महज तीन चुनावों में ही जीत हासिल की हैं साल 1990 से लेकर 2012 तक पूर्व शिक्षा मंत्री आईडी धीमान इस सीट पर लगातार छह दफा विधायक चुने गए।
यह भी पढ़ें:प्रतिभा बोली: कर्ज में डूबे हिमाचल के सीएम हर रोज कर रहे बिना बजट के करोड़ों की घोषणाएं
वहीं वर्तमान विधायक कमलेश कुमारी (Current MLA Kamlesh Kumari) को सरकार की ओर से मजबूती देने के प्रयास हुए हैं। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने हमीरपुर जिले के इसी क्षेत्र के सबसे अधिक दौरे किए हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस कह रही है कि सीएम यहां केवल चुनावी घोषणा के लिए यहां आ रहे हैं। उनके दावों में कोई दम नहीं है। जाहिर है कि ऐसे समय में कमलेश कुमारी का रुतबा तो बढ़ा है, लेकिन पूर्व शिक्षामंत्री दिवंगत आईडी धीमान के बेटे अनिल धीमान को हाएिश पर ही रखा जा रहा है। इतना ही नहीं एक बार तो अनदेखी के चलते डॉ अनिल धीमान बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चुके हैं। अगर गुटबाजी की बात करें तो इस क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी दोनों खेमों में गुटबाजी सामने आ रही है। यह गुटबाजी दोनों पार्टियों के लिए घातक सिद्ध होगी। ना तो यहां बीजेपी की जीत आसान है और ना ही कांग्रेस की। कांग्रेस की ओर से कांग्रेस नेता प्रेम कौशल, सुरेश कुमार, और प्रोमिला देवी शामिल हैं। वहीं पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भोरंज क्षेत्र गृह क्षेत्र है। साल 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नाम मेवा से बदल कर भोरंज कर दिया गया था।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group