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बुरे फंसे नेता,क्या करें क्या ना करें गलती की भारी कीमत होगी चुकानी,पढ़े क्या है माजरा
Last Updated on April 6, 2024 by Himachal Abhi Abhi
Candidates: शिमला। आम चुनाव के चलते आचार-संहिता ( Code of conduct)लगी हुई है,नेताजी पर तरह-तरह की पाबंदियां भी लगी हुई हैं। हल्की सी चूक की तो नेताजी को भारी-भरकम कीमत चुकानी पड़ेगी। चुनाव आयोग (Election Commission)की पैनी नजर नेताजी पर टिकी हुई है। चुनाव के बीच में ही इस बार नवरात्र(Navratri) भी आ रहे हैं। ऐसे में नवरात्र के दौरान इस बार जागरण, भंडारा या हवन-पाठ के दौरान नेताजी पूजा की थाली में ज्यादा चढ़ावा नहीं चढ़ा पाएंगे। ऐसा करने पर सारा खर्चा उनके चुनावी खर्चे में जुड़ जाएगा।
चुनाव आयोग की हर गतिविधि पर कड़ी नजर
चैत्र नवरात्र( chaitra navratri) इस बार चुनाव आचार संहिता के बीच 9 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। नवरात्र के दौरान राजनीतिक पार्टियां, कैंडिडेट या नेता आचार संहिता का उल्लंघन ना करें इसके लिए चुनाव आयोग हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखने के इंतजाम किए हुए है। नवरात्र पर होने वाले आयोजनों जिनमें माता के जागरण, माता की चौकी, भंडारा, हवन-पाठ पर चुनाव आयोग की नजर रहेगी। प्रदेश की सभी शक्तिपीठों के अलावा जिला और उपमंडल स्तर पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों की निगरानी का जिम्मा जिला और उपमंडल स्तर के चुनाव अधिकारियों पर रहेगा।
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पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी भी होगी
कैंडिडेट(Candidate) के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक नहीं है, लेकिन धार्मिक कार्यक्रमों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग की नजर नेताओं की गतिविधियों और भाषणों पर बराबर बनी रहेगी। इस दौरान पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी भी होगी। नवरात्र के दौरान सभी कार्यक्रम सक्षम अधिकारी की अनुमति के बाद ही होंगे। कोई भी राजनीतिक पार्टी (Political party) अथवा प्रत्याशी ज्यादा राशि दान नहीं कर सकेगा। राजनीतिक दलों को विशेषकर कैंडिडेट को धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों की अनुमति नहीं मिलेगी। अगर कोई प्रत्याशी ऐसा करता है तो इसका खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा।
-लेखराज घरटा