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Chintpurni में इस दिन से चैत्र नवरात्र मेला शुरू, 24 घंटे होंगे दर्शन; कानून व्यवस्था पुख्ता
Last Updated on March 14, 2024 by Himachal Abhi Abhi
Chaitra Navratri Fair: ऊना। माता चिंतपूर्णी मंदिर (Chintpurni) में चैत्र नवरात्र मेला 9 से 17 अप्रैल तक आयोजित होगा। यह जानकारी ADC महेंद्र पाल गुर्जर ने मेला (Fair) आयोजन के सफल आयोजन के लिए बाबा श्री माईदास सदन के सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। ADC ने बताया कि SDM अंब मेला अधिकारी होंगे, जबकि DSP अंब को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है।
400 सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात
मेले के दौरान कानून व्यवस्था (Law and Order) बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को चार सेक्टर में बांटा जाएगा तथा 400 पुलिस व होमगार्ड जवान तैनात किए जाएंगे। मेले के दौरान मंदिर और मेला परिसर में CCTV कैमरों का समुचित उपयोग किया जाएगा ताकि असामाजिक तत्वों के जरिए होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोका जा सके। ADC ने मंदिर अधिकारी को CCTV कैमरों का निरीक्षण करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
चिंतपूर्णी अस्पताल में 24 घंटे मिलेगी सेवाएं
ADC ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पर्ची अनिवार्य होगी तथा यह पर्ची बाबा श्री माईदास सदन, नया बस अड्डा तथा शंभू बैरियर से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने को चिंतपूर्णी अस्पताल में 24 घंटे सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके लिए खंड चिकित्सा अधिकारी अम्ब मेला चिकित्सा अधिकारी होंगे। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग तथा आयुर्वेद विभाग द्वारा एक-एक अतिरिक्त मेडिकल पोस्ट भी स्थापित की जाएगी जहां पर श्रद्धालुओं को आवश्यकता के अनुसार उपचार प्रदान किया जाएगा।
एडीसी के निर्देश…………….
एडीसी ने मेले के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ व साफ-सुथरा पेयजल मुहैया करवाने के लिए जल शक्ति विभाग को पेयजल स्त्रोतों की स्वच्छता व समुचित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने पानी के समस्त पेयजल स्त्रोतों की क्लोरिनेशन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत विभाग भी सुचारू बिजली आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक निरीक्षण कर लें ताकि मेले का संचालन सही ढंग से हो सके। एडीसी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत मेलावधि के दौरान मंदिर में नारियल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। नारियल मंदिर के मुख्य गेट से पहले डीएफएमडी के स्थान पर लाईन में ही यात्रियों से जमा कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह साइन बोर्ड लगवाना भी सुनिश्चित किया जाएगा।
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि मेले के दौरान लंगर लगाने के लिए लंगर कमेटी से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए 10 हज़ार रूपये फीस निर्धारित की गई है। इसके अलावा लंगर आयोजकों को लंगर कमेटी द्वारा स्वच्छता व सड़क सुरक्षा सहित सभी निर्धारित नियमों का पालन करना होगा अन्यथा उन्हें लंगर के लिए जारी किए गए परमिट रद्द किए जा सकते हैं। लंगर का आयोजन सड़क से निर्धारित दूरी पर किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को आवाजाही तथा यातायात में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
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माता श्री चिंतपुर्णी में भिक्षावृति पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसे रोकने के लिए पुलिस व होमगार्ड के जवान कड़ी नजर रखेंगे। उन्होंने आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए अग्निशमन विभाग को मेले से पूर्व अग्निशमन यंत्रों को पूरी तरह से कार्यशील करने के निर्देश दिए। बैठक में यातायात प्रबंधन, विद्युत व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों के रहने संबंधी व्यवस्था के अतिरिक्त साफ सफाई की व्यवस्था रखने के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई।