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बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डाल रहा सोशल मीडिया, इन बातों का रखें ध्यान
Last Updated on May 27, 2023 by sintu kumar
आजकल ज्यादातर लोग सोशल मीडिया (Social Media) का इस्तेमाल कर रहे हैं। जहां एक तरफ सोशल मीडिया लोगों को उनके दोस्तों से जोड़ने का काम कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया बच्चों के दिमाग को जकड़ रहा है। हालांकि, आप चाहें तो आप अपने बच्चों की मेंटल हेल्थ के खतरे को कम कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, एक रिसर्च में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया बच्चों की मेंटल हेल्थ (Mental Health) को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। रिसर्च के अनुसार, सोशल मीडिया को बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है।
दिमाग पर कर रहा बुरा असर
रिसर्च के अनुसार, सोशल मीडिया बच्चों के नींद लेने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है, जिससे बच्चों का कॉन्फिडेंस कम हो रहा है। इसके अलावा सोशल मीडिया के कारण बच्चों के खानपान के तरीकों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया के कारण बच्चों में बॉडी शेप को लेकर दुर्भावना पैदा कर रहा है।
मेंटल हेल्थ बिगड़ने का खतरा
गौरतलब है कि बच्चे हर दिन सोशल मीडिया पर 3 घंटे से ज्यादा समय बिता रहे हैं, जिससे उनकी मेंटल हेल्थ बिगड़ने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ रहा है। बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं जो कम उम्र में ही डिप्रेशन (Depression) व एंजाइटी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
सबसे बड़ी समस्या
दरअसल, बच्चे बहुत कम उम्र में ही मोबाइल का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं और यही सबसे बड़ी समस्या भी है। ध्यान रहे कि जितना ज्यादा दिमाग युवा होगा उतना ही ज्यादा खतरा भी होगा। इसलिए टीनएज तक बच्चों को मोबाइल से दूर रखें।
डिप्रेशन और एंजाइटी का शिकार
सोशल मीडिया के कारण कई सारे बच्चे और टीनएज डिप्रेशन और एंजाइटी का शिकार हैं। सोशल मीडिया बच्चों की सोच को पॉजिटिव रखने में दिक्कत पैदा कर रहा है। जिस कारण बच्चे खुद को बुरे हालात से निपटने के लिए तैयार नहीं कर पा रहे हैं।
इसे नहीं छोड़ सकते
एक रिसर्च में बचाया गया है कि 35 फीसदी टीनएजर्स सोशल मीडिया पर लगातार समय बिता रहे हैं और इनमें से 50 फीसदी टीनएजर्स सोचते हैं कि वो सोशल मीडिया को कभी नहीं छोड़ सकते हैं।
पैदा हो रही समस्या
वहीं, कई तरह की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं स्मार्टफोन के इस्तेमाल के कारण पैदा हो रही हैं। एक रिसर्च में दावा किया गया है कि बच्चों ने जितनी कम उम्र में स्मार्टफोन का इस्तेमाल किया है उनमें मेंटल हेल्थ का खतरा भी ज्यादा रहता है।
बुरे समय में कर रहा मदद
कई टीनएजर्स का कहना है कि सोशल मीडिया उन्हें खुद को स्वीकार करने में मदद करता है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया उनके बुरे समय में मदद करता है और दोस्तों से जुड़ने के साथ क्रिएटिव भी बनाता है।
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