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Himachal में कर्मचारी सड़क पर-जमकर हंगामा-नारेबाजी के साथ Govt को चेताया
Hungama In Himachal : ऊना जिला मुख्यालय के पुराना ट्रक यूनियन ग्राउंड (Old Truck Union Ground) में बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने जिला बिजली महापंचायत (Electricity Mahapanchayat)का आयोजन करते हुए मांगों को लेकर हुंकार भर डाली। महापंचायत में हजारों की संख्या में कर्मचारी इकट्ठा हुए। इसके साथ ही सरकार को चेतावनी दी गई है कि यदि अब भी दमनकारी नीतियों को बंद करके कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में इस प्रदर्शन को और उग्र किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी बिजली बोर्ड प्रबंधन और प्रदेश सरकार की होगी। इस मौके पर केवल बिजली बोर्ड के कर्मचारी ही नहीं बल्कि बिजली बोर्ड से सेवानिवृत हो चुके वरिष्ठ नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर महापंचायत में भाग लिया और कर्मचारियों को भरपूर समर्थन देने का ऐलान किया। महापंचायत के बाद हजारों की संख्या में जिला मुख्यालय पर जुटे बिजली बोर्ड कर्मचारियों (Electricity board employees)ने डीसी कार्यालय तक जोरदार नारेबाजी करते हुए आक्रोश रैली भी निकाली।
एकतरफा युक्तिकरण और पदों में कटौती पर रोक लगे
इस मौके पर संयुक्त संघर्ष समिति के सहसंयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा कि जेसीसी (JCC)में कुछ मांगे कर्मचारियों द्वारा उठाई गई थी जिन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में एकतरफा युक्तिकरण और पदों में कटौती पर रोक लगाई जाए। हाल ही में समाप्त किए गए 51 पदों को बहाल किया जाए। बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की भारी कमी को देखते हुए खाली पदों पर तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। वर्मा ने कहा कि मई 2003 के बाद भर्ती हुए बिजली बोर्ड कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली( OPS) को लागू किया जाए। पिछले दो वर्षों से लंबित पेंशनरों की पेंशन की बकाया राशि, लीवईन्केशमेंट और ग्रेच्युटी की अदायगी शीघ्र की जाए। बिजली बोर्ड में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को स्थायी निति बनाई जाए और पिछले दिनों छंटनी किए गए 81 ड्राइवरों (आउटसोर्स) को फिर से काम पर रखा जाए।
मांगें नहीं मानी तो आंदोलन करेंगे तेज
हीरालाल वर्मा ने कहा कि सरकार और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी एवं अभियंता संयुक्त मोर्चा के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का पालन किया जाए तथा उनके परामर्श के बिना किसी भी परिसंपत्ति का हस्तांतरण नहीं किया जाए। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के सब स्टेशन एवं पावर हाउस के संचालन एवं रख-रखाव की आउटसोर्सिंग बंद की जाए। उन्होंने कहा कि यदि इन मांगों को लेकर सरकार द्वारा अब भी गंभीरता नहीं दिखाई गई तो आने वाले दिनों में संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा कर्मचारियों के आंदोलन को और गति प्रदान की जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड प्रबंधन की ही होगी।