-
Advertisement
पंचायत का तालिबानी फरमान, मंदिर के लिए दान में नहीं दी जमीन तो कर दिया बहिष्कार
Last Updated on November 17, 2021 by admin
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुणा जिले से हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक परिवार ने मंदिर के लिए जमीन दान (Donate) में नहीं दी तो पंचायत ने उसका बहिष्कार कर दिया। पंचायत (Panchayat) ने तालिबानी फरमान सुनाते हुए कहा कि परिवार के किसी भी आयोजन में गांववाले शिरकत नहीं करेंगे। इसके साथ ही उक्त परिवार के पड़ोस में रहने वालों को भी हिदायत दी है कि वे उनसे नाते रिश्ते तोड़ लें।
पंचायत का तालिबानी फरमान के मुताबिक, अगर उक्त परिवार को समाज में लौटना है तो जूता सिर पर रखना होगा। पगड़ी पैरों में रखनी होगी। गोमूत्र पीना होगा। पुरुषों को दाढ़ी कटवानी होगी। दरअसल, यह पूरा मामला क्लेक्टर की जनसुनवाई के दौरान सामने आया। शहर के शिवाजीनगर में रहने वाले पीड़ित परिवार ने मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर से शिकायत की।
यह भी पढ़ें: निस्वार्थ सेवा का मिला फल: महिला ने रिक्शाचालक के नाम कर दी सारी जमापूंजी, कहानी जानकर कलेजा पसीज जाएगा
शिकायत करने वाले हीरालाल घोषी का आरोप है कि उनके परिवार ने 3 बिसबा यानी करीब 4000 वर्गफीट जमीन मंदिर के लिए दान दी है। अब ग्वाल समाज की पंचायत दबाव बना रही है कि पूरी जमीन मंदिर के लिए दी जाए। इस जमीन पर हीरालाल और उसके भाई का घर बना हुआ है। हीरालाल का कहना है कि अब समाज के लोग पूरी जमीन मांग रहे हैं। इसके लिए उन पर निरंतर दबाव बनाया जा रहा है। कलेक्टर फ्रैंक नोबल ने कहा कि जनसुनवाई में आवेदन आया है। एसडीएम को जांच करने के निर्देश दिए हैं।
मामले को लेकर हीरालाल ने कहा कि ग्वाल समाज के पंचायत ने बुलाकर उनके परिवार का सामूहिक बहिष्कार कर दिया है। उन्हें समाज के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेने दिया जा रहा है। पंचायत में पंचनामा बनाकर बहिष्कार किया है। उन्होंने बताया कि पंचायत ने पहले उन्हें जमीन दान करने को लेकर मोहलत दी थी। जब वे राजी नहीं हुए तो समाज ने सभी संबंध खत्म कर लिए। हीरालाल ने बताया कि जब मई में कोरोना से उसके भाई की मौत हुई थी तब भी अंतिम संस्कार में कोई व्यक्ति शामिल होने नहीं आया था। जब घर में शादी थी, उसमें भी समाज के लोगों ने दूरी बनाये रखी।