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किसानों का दिल्ली मार्च शुरूः कई बॉर्डर ब्लॉक, सड़कें जाम; मचा कोहराम
Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा के किसानों ने आज दिल्ली मार्च (Delhi March) शुरू कर दिया हैं लेकिन इस बार किसानों (Farmers) के लिए दिल्ली का सफर आसान नहीं रहेगा। किसान आंदोलन पर अड़े किसानों के ’दिल्ली चलो’ मार्च के ऐलान को देखते हुए दिल्ली और हरियाणा में धारा-144 लागू कर दी गई है। दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं सिंघु, टीकरी, गाजीपुर में लोहे और कंक्रीट के बैरिकेड लगाए गए हैं।
Jetne tayari sahab kisno ko rone k leyea Kar rahe Hai, agar etni tayari chain k against kare Hote toh ajj China 2000 Sq Km acquire nahi Kara Hota. @PMOIndia @HMOIndia is this the way how you treat and deal with farmers who provide you food..? #FarmersProtest2024 pic.twitter.com/PO3gmNAVvS
— Sohail Akhtar (@mirealsohail) February 13, 2024
कंटीले तार, कंटेनर और डंपर लगाकर भी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। किसानों को रोकने के लिए किए गए प्रयास का असर आम जनता पर भी पड़ रहा है। किसानों के दिल्ली पहुंचने से पहले ही बॉर्डर ब्लॉक (Borders Blocked) हो गए हैं और सड़कें जाम (Road Jammed) हो गईं है। किसान आंदोलन के चलते कोहराम मचा हुआ है। आपको बता दें कि बीती रात केंद्रीय मंत्रियों ने दिल्ली मार्च को रोकने के लिए बैठक की लेकिन वह बेनतीजा रही। किसानों और मंत्रियों के बीच मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई।
Thousands of tractor-trolleys have been gathering near the Fatehgarh Sahib area since last night.
Farmers had announced that they would start marching towards Delhi at around 10 AM on 13th Feb.#FarmersProtest#FarmersProtest2024 pic.twitter.com/ROGOrGWOTR
— Tractor2ਟਵਿੱਟਰ ਪੰਜਾਬ (@Tractor2twitr_P) February 13, 2024
क्या है किसानों की मांगे………
किसान की नाराजगी की कई वजह है जिनमें से केंद्र के खिलाफ दिल्ली कूच का ऐलान करने वाले किसान संगठन की मांगों (Demands) में सबसे महत्वपूर्ण है फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी वाला कानून बनाना है- जो बाजार की अनिश्चितताओं का सामना कर रहे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है। किसानों की पेंशन और ऋण माफी भी इस आंदोलन का बड़ा मुद्दा है। साथ ही किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराने पर अड़े हैं। बिजली अधिनियम 2020 को निरस्त करने, लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के लिए मुआवजे और किसान आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ मामलों को वापस लेने सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं।
-नेशनल डेस्क