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सवारियों के बैठने वाले हिस्से में लगेगा फायर अलार्म सिस्टम, ये होगा फायदा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई यात्री बसों और स्कूल बसों में फायर अलार्म (Fire Alarm) और सप्रेशन सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, वाहनों में जहां लोग बैठते हैं उस हिस्से में आग लगने से बचाव का सिस्टम लगाना जरूरी है।
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बता दें कि अभी तक गाड़ियों के इंजन वाले हिस्से से निकलने वाली आग की पहचान करने, अलार्म बजने और सप्रेशन सिस्टम की व्यवस्था लागू की गई है। इंडस्ट्री स्टैंडर्ड 135 के अनुसार, इंजन में आग लगने की स्थिति में यह सिस्टम सतर्क कर देता है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा, टाइप-3 बसों और स्कूल बसों के अंदर सवारियों के बैठने वाले हिस्से में फायर अलार्म सिस्टम लगाने की व्यवस्था लागू की गई है। टाइप-3 बसें लंबी दूरी तय करने के लिए डिजाइन की जाती हैं। हादसों के समय बसों के अंदर बैठे यात्रियों को अक्सर हाई टेंपरेचर और धुएं के कारण नुकसान होता है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि अगर सवारियों के बैठने वाले हिस्से में ही आग की चेतावनी देने वाली सिस्टम लगा हो
तो इन हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है। वहीं, चेतावनी मिलने के बाद सवारियों को बस से फौरन निकलने का वक्त मिल जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि इस आदेश का पालन किया जाए।