-
Advertisement
सुंदरनगर अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीक से होंगे सफेद मोतिया के ऑपरेशन
Last Updated on January 27, 2020 by Vishal Rana
सुंदरनगर। सिविल अस्पताल सुंदरनगर (Civil Hospital Sundernagar )को आखिरकार कई सालों बाद अत्याधुनिक फोको मशीन ( Foco machine) मिल गई है। जिससे मोतिया बिंद का आपरेशन करवाने वाले लोगों को अब निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सोमवार को विधायक राकेश जम्वाल (MLA Rakesh Jamwal) ने अस्पताल में 11 लाख रुपए की लागत से लगाई गई मोतिया बिंद की फ़ोको इमल्सी फायर मशीन का लोकार्पण किया। इस मौके पर विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि फोको मशीन के लगने से अब मोतिया बिंद के ऑपरेशन आधुनिक तकनीक से किए जा सकेंगे। खास बात यह है कि इस ऑपरेशन के लिए मरीज को सुन्न करने के लिए किसी इंजेक्शन की जरूरत भी नहीं होती है। करीब आधा घंटा पहले आंखों में केवल ड्रॉप्स डालकर इस ऑपरेशन को किया जाता है।
इस मशीन के जरिए अल्ट्रासाउंड की एनर्जी से ही मोतिया को तोड़ा जा सकता है। मशीन के माध्यम से 3 एमएम के कट से सफेद मोतिया को निकालकर लेंस डाल दिया जाता है। यह ऑपरेशन बिना टांके के भी किया जा सकता है। इस ऑपरेशन के बाद व्यक्ति कुछ ही दिनों के बाद अपना काम शुरु कर सकते हैं। सुंदरनगर अस्पताल पिछले काफी सालों से इस मशीन का इंतजार कर रहा था, लेकिन प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार के द्वारा सुंदरनगर के लोगों को भी अब यह सुविधा मिल सकेगी।
6 डायलासिस यूनिट का भी किया शुभारंभ
सोमवार को जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सहयोग से नागरिक अस्पताल सुंदरनगर में स्थापित 6 डायलासिस यूनिट का शुभारम्भ विधायक राकेश जंवाल द्वारा किया गया। इनमें 4 यूनिट राही किडनी केयर सेंटर जबकि 2 डायलासिस यूनिट सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट ने भेंट किए हैं। राकेश जम्वाल ने सामाजिक संस्थाओं द्वारा जनभलाई के लिए किए गए इस काम की सराहना की। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी से जन सेवाओं को और सुलभ बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में डायलिसिस सुविधा उपलब्ध होने से रोगियों को सहुलियत होगी और उनके धन की भी बचत होगी।
इस मौके अतिरिक्त उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि इन यूनिटों में प्रतिदिन लगभग 15 से 18 रोगियों का डायलिसिस किया जा सकेगा। बीपीएल परिवारों के लिए यह सुविधा निःशुल्क होगी। यदि कोई व्यक्ति बीपीएल परिवार के तहत नहीं आता और आर्थिक तौर पर अपना डायलिसिस करवाने में असमर्थ है तो उसे भी रेडक्रॉस के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी। एपीएल परिवारों के लिए भी निकट भविष्य में डायलिसिस सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाएंगे।