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वनों में आग की निगरानी करेंगे Drone Camera, आधुनिक तरीकों से बुझाई जाएगी आग
Last Updated on June 18, 2020 by Vishal Rana
शिमला। गर्मी के मौसम में वनों को आग (Fire) से बचाने के लिए आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए वनों में आग की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों (Drone camera) का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा आग बुझाने के लिए धातु के फायर बीटर, फायर किट, ब्लोअर इत्यादि का प्रयोग किया जाएगा। यह जानकारी गुरुवार को वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Forest Minister Govind Singh Thakur) ने कैम्पा संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
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वन मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020.21 में कैम्पा फंड के अंतर्गत 158.38 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अंतर्गत पौधरोपण, लैंटाना हटाकर उस भूमि पर पौधे रोपित करनाए वन नर्सरियां, जल एवं भूमि संरक्षण कार्य, जलाशयों की सफाई कर उनका नवीनीकरण करने सहित वर्षा जल संरक्षण आदि कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा सीएम जय राम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) के निर्देशों का पालन करते हुए पौध रोपण निगरानी के लिए एक विस्तृत डाटा तैयार किया जाएगा, जिसके अंतर्गत पौध रोपण से पूर्व तथा पौध रोपण के बाद की फोटोग्राफी की जाएगी।
फील्ड स्टॉफ को हथियार, बॉडी कैमरा प्रदान करन पर भी हुई चर्चा
कैम्पा फंड के अंतर्गत संवेदनशील वन मंडल में तैनात फील्ड स्टाफ को हथियार, आधुनिक बॉडी कैमरा (Body Camera) प्रदान करने पर भी विचार-विमर्श किया गया। इससे पूर्व, वन मंत्री ने चंबा जिला (Chamba District) के भरमौर, डलहौजी और पांगी वन मंडल के कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। गोविन्द सिंह ठाकुर ने वन समृद्धि जन समृद्धि योजना में लोगों के समूह गठित कर औषधीय गुणों से युक्त जड़ी-बूटियों की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। इस कार्य के लिए वन विभाग द्वारा संबंधित समूहों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी।
ईको-टूरिज्म की संभावनाओं की तलाश कर उन्हें विकसित करने पर करें कार्य
उन्होंने अधिकारियों को विद्यार्थी वन मित्र योजना से जुड़े विद्यार्थियों के मध्य पेंटिंग, निबन्ध जैसी प्रतियोगिताओं करवाने के भी निर्देश दिए, ताकि उनमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति रूचि बनी रहे। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन संवर्द्धन योजना के अंतर्गत लोगों के समूह बनाकर उन्हें पौधा रोपण के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने चंबा के दूदराज के क्षेत्रों में भी ईको-टूरिज्म (Eco-tourism) की संभावनाओं की तलाश कर उन्हें विकसित करने के साथ प्रदेश के प्रवेश द्वारों पर पर्यावरण संरक्षण संबंधी सूचना पट्टिका लगाने पर भी बल दिया। इस अवसर पर प्रधान अरण्यपाल कैम्पा केहर सिंह ठाकुर ने प्रस्तुति भी दी।
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