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शिक्षा विभाग में दो अधिकारियों ने मेडिकल बिल के नाम पर डकारे 5.88 लाख
शिमला। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग निदेशालय के 2 अधिकारियों ने मेडिकल बिल के नाम पर ही 5 लाख 88 हजार का फर्जीवाड़ा कर दिया । प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय लालपानी में अधीक्षक ग्रेड-। व अधीक्षक ग्रेड-।। के पद पर कार्यरत इन दोनों अधिकारियों ने 5.88 लाख के फर्जी मेडिकल तैयार कर सरकार से रिर्बसमेंट के नाम पर यह रकम हड़प ली । राज्य सर्तकता एंव भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो विजिलेंस ने प्रांरभिक जांच में मिले साक्ष्य के आधार पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय लालपानी में अधीक्षक ग्रेड-। के पद पर कार्यरत आंनद प्रकाश वर्मा निवासी बरगल, बड़ागांव तहसील कुमारसैन और अधीक्षक ग्रेड-।। के पद पर कार्यरत मनोज कुमार निवासी कुमारसैन बॉबी स्टूडियो तहसील कुमारसैन के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है।
ये है पूरा मामला
हुआ यूं कि विजिलेंस का एक शिकायत मिली थी कि शिक्षा विभाग के दो अधिकारियों ने फर्जी मेडिकल बिल के आधार पर लाखों रुपए डकार लिए। ऐसे में जब विजिलेंस ने जांच पड़ताल की तो सामने आया कि आंनद प्रकाश द्वारा 2.55 लाख और मनोज कुमार द्वारा 3.33 लाख रुपए के फर्जी चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का दावा करके धोखाधड़ी और जालसाजी का अंजाम दिया। विजिलेंस का कहना हे कि फर्जी मेडिकल बिलों पर जिन डाक्टर के हस्ताक्षर थे, उनसें पूछताछ की गई है, जिसमें डाक्टरों ने स्पष्ट किया कि संबंधित हस्ताक्षर उनके नहीं है। मामले की तह तक जाने के लिए विजिलेंस फर्जी मेडिकल बिलों की फोंरेसिक जांच के लिए भेजने की तैयारियों में है। विजिलेंस का कहना हे कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह पाया गया कि दोनों आरोपी अधिकारियों ने फर्जी चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों का दावा करके धोखाधड़ी और जालसाजी आदि का अपराध किया है। मामले की जांच जारी है।
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