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बजाज ऑटो के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज का निधन, लंबे समय से कैंसर से थे पीड़ित
बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज (Rahul Bajaj) का आज पुणे में निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे और लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इनका जन्म 10 जून, 1938 को कोलकाता (Kolkata) में मारवाड़ी बिजनेसमैन कमलनयन बजाज और सावित्री बजाज के घर हुआ था। बजाज और नेहरू परिवार में तीन जनरेशन से फैमिली फ्रैंडशिप चली आ रही थी। राहुल के पिता कमलनयन और इंदिरा गांधी ( Indira Gandhi) कुछ समय एक ही स्कूल में पढ़े थे।
Saddened to learn of Shri Rahul Bajaj’s demise. A doyen of Indian industry, he was passionate about its priorities. His career reflected the rise and innate strength of the nation’s corporate sector. His death leaves a void in the world of industry. My condolences to his family.
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 12, 2022
1965 में संभाला था बजाज ग्रुप का जिम्मा
राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप (Bajaj Group) की जिम्मेदारी संभाली थी। उनकी अगवाई में बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक पहुंच गया और यह स्कूटर बेचने वाली देश की अग्रणी कंपनी बन गई। वे 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे। 2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी। तब उन्होंने राजीव को बजाज ऑटो का मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing Director) बनाया था, जिसके बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कंपनी के प्रोडक्ट की मांग न सिर्फ घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बढ़ गई।
Rahul Bajaj’s passing is a big loss to India. We have lost a visionary whose courage made us proud.
My love and condolences to his family and loved ones. pic.twitter.com/SnWJpYDV85
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 12, 2022
गैरेज शेड में बनाया था पहला बजाज स्कूटर
देश की दिग्गज टू-व्हीलर कंपनी बजाज की जड़ें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई हैं। जमनालाल बजाज (1889-1942) अपने युग के यशस्वी उद्योगपति थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया था। आजादी की लड़ाई के दौरान वे महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के भामाशाह थे। 1926 में उन्होंने ट्रेडिंग करने के लिए उन्हें गोद लेने वाले सेठ बछराज के नाम से एक फर्म बनाई बछराज एंड कंपनी। 1942 में 53 वर्ष की उम्र में उनके निधन के बाद उनके दामाद रामेश्वर नेवटिया और दो पुत्रों कमलनयन और रामकृष्ण बजाज ने बछराज ट्रेडिंग कारपोरेशन की स्थापना की।
यशस्वी उद्योजक, समाजसेवी और बजाज के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। पद्म भूषण से सम्मानित राहुल जी से मेरे अनेक वर्षों से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं।
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 12, 2022
1948 में इस कंपनी ने आयातित कॉम्पोनेंट्स से असेम्बल्ड टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर लांच किए थे। पहला बजाज वेस्पा स्कूटर (Vespa Scooter) गुड़गांव के एक गैरेज शेड में बना था। इसके बाद बछराज ट्रेडिंग कारपोरेशन ने कुर्ला में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाया, जो बाद में आकुरडी में शिफ्ट किया गया। यहां फिरोदियाज की भागीदारी में बजाज परिवार ने टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहन बनाने के लिए अलग-अलग प्लांट्स लगाए। 1960 में कंपनी का नामकरण हुआ बजाज ऑटो।
पद्म भूषण और फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक भी मिला
2001 में उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। श्नाइट ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर नामक फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा गया है। वे 2006 से 2010 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे। 1979.80 और 1999.2000 में दो बार राहुल बजाज भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष चुने गए । भारत के तत्कालीन राष्ट्रपतिए प्रणब मुखर्जी ने उन्हें 2017 में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सीआईआई राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया।