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Congress के पूर्व विधायक ने #Panchayat_Elections को 6 माह के लिए टालने की उठाई मांग
Last Updated on December 6, 2020 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सराकर को जिला शिमला (Shimla) में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव को अगले 6 महीने तक टाल (postpone) देना चाहिए। यह बात जुब्बल-कोटखाई के पूर्व विधायक (Former Congress MLA) व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण वृद्धि दर को लेकर बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई हैं जिसके अनुसार आठ राज्यों के अधिक संक्रमित 19 जिलों में टॉप 7 जिले अकेले हिमाचल से हैं जिसमे कोरोना संक्रमण की सर्वाधिक वृद्धि दर जिला शिमला में 15.3 प्रतिशत तक पहुंच गई हैं जिससे प्रदेश और ज़िला शिमला में कोरोना संक्रमण (Corona infection) की भयावह स्थिति का स्वतरू ही अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं। इसी तरह कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन द्वारा उप मंडल मुख्यालय रोहड़ूए रामपुर, संजौली व कोटखाई के पान्दली को कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया हैं। ठियोग विधानसभा क्षेत्र में भी कोरोना की स्थिति चिंताजनक बनी हुई हैं। रोहित ठाकुर (Rohit Thakur) ने कहा कि जान हैं तो जहान हैं, अगले छह महीनें में प्रदेश में कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) का प्रयोग भी शुरू हो जाएगा ऐसे में जिला शिमला में हालात सामान्य हो जाने के बाद ही सरकार पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाएं।
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रोहित ठाकुर ने कहा कि यदि पंचायती राज चुनाव को टालने बारे प्रदेश सरकार के रास्ते में कोई संवैधानिक समस्या आ रही हैं तो प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के समक्ष इस गंभीर मामले को उठाकर सुलझाए। अस्पतालों (Hospital) में कई तरह की अव्यवस्था देखने को मिल रही हैं यहां तक कि राजधानी स्थित कोविड अस्पताल में भी ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी पाई जा रही हैं, सरकार को चाहिए कि पंचायती राज चुनाव (Panchayat Elections) की बजाए चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दें। कोरोना के बढ़ते मामलों से लोगों में भय का वातावरण बन गया हैं जिसे देखकर लगता हैं कि पंचायती राज चुनाव में जनता की नाममात्र भागीदारी होगी और चुनाव मात्र औपचारिकता बनकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना संक्रमण सर्दियों में ज़्यादा फ़ैलता हैं और मौसम विभाग के अनुसार इस बार ज़्यादा ठंड व अधिक बर्फबारी होने की संभावना हैं और इस बार समय से पूर्व नवंबर में ही बर्फ़बारी शुरू हो गई हैं। जिला शिमला में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने से जहां एक ओर सर्दी के कारण संक्रमण फैलने का भय बना हुआ हैं। वहींए जनवरी में बर्फ़बारी चुनावों में बांधा डाल सकती हैं।
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