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मनाली में फिर पूर्व मंत्रियों के बेटे आमने-सामने, गोविंद लगा पाएंगे हैट्रिक
राजनीति में अकसर परिवारवाद को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगते रहे हैं। लेकि यह बात भी सच है कि सभी राजनीतिक दलों में परिवारवाद दिखाई देता है। हिमाचल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जब टिकटों का आबंटन हुआ तो परिवारवाद भी साफ दिखने लगा। नतीजा ये हुआ कि चुनाव से पहले जो लोग परिवारवाद के नाम पर चिल्ला रहे थे वो खामोश हो गए हैं। यानी इस बार चुनावों में परिवारवाद के मुद्दे को ना तो बीजेपी उछाल रही है और ना ही कांग्रेस। चुनावों के इस दौर में प्रदेश के पर्यटक स्थल मनाली विधानसभा क्षेत्र की बात करते हैं। देश विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद मनाली विस क्षेत्र से इस बार बीजेपी ने परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए पूर्व मंत्रियों के बेटों को चुनावी मैदान में उतारा है। बीजेपी की ओर से पूर्व मंत्री ठाकुर कुंजलाल के बेटे गोविंद सिंह ठाकुर का सामना कांग्रेस ने पूर्व मंत्री राजकृष्ण गौड़ के बेटे भुवनेश्वर गौड़ से हो रहा है। यहां से एक निर्दलीय महेंद्र सिंह ठाकुर भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
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मनाली विस क्षेत्र 2012 में पुनर्सीमांकन के बाद से अस्तित्व में आया। इससे पहले यह विधानसभा क्षेत्र कुल्लू का हिस्सा हुआ करता था। उसी वर्ष पूर्व मंत्री ठाकुर कुंजलाल के बेटे गोविंद सिंह ठाकुर यहां से चुनावी मैदान में उतरे थे और कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री राजकृष्ण गौड़ के बेटे भुवनेश्वर गौड़ उनके सामने थे। चुनावों में गोविंद सिंह ठाकुर ने बाजी मारी थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने मनाली से वर्ष 2017 के चुनावों में हरीचंद्र शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बीजेपी ने फिर गोविंद सिंह ठाकुर पर भरोसा जताया। लेकिन धड़ों में बंटी कांग्रेस यहां से जीत दर्ज नहीं कर पाई। इस बार फिर से बीजेपी व कांग्रेस के पुराने प्रतिद्वंदी चुनाव मैदान में है। अब देखना यह है कि धड़ों में बंटी कांग्रेस यहां भुवनेश्वर गौड़ के लिए एकजुट होती है या फिर इस बार भी बीते चुनावों की तरह गौड़ गुटबाजी का शिकार होंगे।
मनाली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट की मांग करने वाले महेंद्र सिंह ठाकुर ने गोविंद सिंह के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। गोविंद सिंह निर्दलीय मैदान में है और सीधे तौर पर बीजेपी के वोट बैंक पर सेंधमारी कर रहे हैं।