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अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल-पेट्रोल के बाद गैस की कीमतों के बढ़ने का अनुमान, जेब पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली। कच्चे तेल के दाम में तेजी के बाद इस साल वैश्विक गैस की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है। जिसका सीधा असर आपके और हमारे जेब पर पड़ने वाला है। उपभोक्ताओं को सीएनजी और पीएनजी की बढ़ी हुई दरों के कारण अधिक खर्च करना पड़ेगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (केआईई) द्वारा किए गए गैस बाजार के आकलन के अनुसार, घरेलू गैस की कीमत वित्तवर्ष 22 की दूसरी छमाही के दौरान उपलब्ध 3.2 डॉलर/मिलियन बीटयू के मौजूदा स्तर से वित्तवर्ष 23 की पहली छमाही में दोगुने से अधिक 6.6-7.6 डॉलर/मिलियन बीटीयू पहुंचने की उम्मीद है । जिसका मतलब साफ है कि जल्द ही भारत में पेट्रोल और डीजल के बाद घरेलू गैस और अधिक मंहगे होने वाले हैं।
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केआईई ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हम घरेलू गैस की कीमत में वित्तवर्ष 23 की पहली छमाही के लिए 6.6-7.6 अमेरिकी डॉलर/मिलियन बीटीयू में भारी वृद्धि की गणना करते हैं। जो वैश्विक गैस की कीमतों में हालिया वृद्धि और आने वाले महीनों में अनुमानित उच्च फ्यूचर कर्व से प्रेरित है।”
उन्होंने अपने शोध के जरिए बताया कि सितंबर 2021 में बेंचमार्क गैस की कीमतों में और वृद्धि हुई है। हेनरी हब गैस की कीमत अगस्त में 4.1 डॉलर/मिलियन बीटीयू से बढ़कर 5.1 डॉलर/मिलियन बीटीयू हो गई। यूके एनबीपी 15.4 पाउंड/मिलियन बीटीयू, जबकि अगस्त में 10.9 पाउंड/मिलियन बीटीयू तक पहुंच गया। वहीं, उन्होंने बताया कि एशियाई हाजिर एलएनजी की कीमतें पिछले महीने के 16.7 डॉलर/मिलियन बीटीयू से बढ़कर 22.8 डॉलर/मिलियन बीटीयू तक पहुंच चुकी है।
केआईई ने अपने रिपोर्ट के जरिए बताया है कि गैस की उंची कीमत होने के कारण इसका सीधा असर आम आदमी के जेब पर पड़ेगा। सितंबर में जहां सीएनजी मार्जिन स्थिर है। वहीं, गैस की कीमत पर असर डालने के लिए कीमतों में 5-7 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी की जरूरत है। आईजीएल ने वित्तवर्ष 22 की दूसरी छमाही में 110 प्रतिशत सीएनजी खपत पर घरेलू गैस आवंटन की कैपिंग को देखते हुए वृद्धिशील एलएनजी की उच्च लागत को कम करने के लिए 30 अगस्त को मूल्यवृद्धि की थी, जिसका उपयोग उसे अपने सीएन सेगमेंट के लिए करना था।
–आईएएनएस