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ऊना में सरकारी और निजी संपत्तियों की होगी जियो टैगिंग
ऊना। नगर परिषद ऊना (Una) द्वारा शहर की प्लानिंग को लेकर डाटाबेस तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इसके तहत जहां पहले चरण में ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए जिओ टैगिंग (Geo Tagging) की जा रही है वहीं दूसरे चरण में मैन्युअल सर्वेक्षण के तहत नगर परिषद की विभिन्न टीमें घर द्वार पर जाकर तमाम जानकारियां एकत्रित कर रही हैं। इस डेटाबेस के आधार पर एक तरफ जहां शहर की प्लानिंग आसान रहेगी वहीं दूसरी तरफ प्रॉपर्टी टैक्स जैसे मामले में भी नगर परिषद को काफी सहायता मिलेगी।
इसके अतिरिक्त शहर वासियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए भी यह डेटाबेस नगर परिषद के लिए अहम कुंजी साबित होगा। शनिवार को नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार की अगुवाई में जिओ टैगिंग में जुटी टीम ने मिनी सचिवालय परिसर की छत से शहर के लोअर पार्ट का ड्रोन (Drone) सर्वेक्षण किया।

नगर परिषद का करवाया जा रहा जीआईएस सर्वे
नगर परिषद ऊना द्वारा आर्यभट्ट जियो इंफोरमैटिक्स एवं स्पेस एपलिकेशन सेंटर के माध्यम से नगर परिषद क्षेत्र का जीआईएस सर्वे करवाया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद ऊना संदीप कुमार ने बताया कि इसका उद्देश्य शहर में बेहतर सुविधाएं देने हेतू डाटावेस (Database) तैयार करना है। इसके अतिरिक्त नगर परिषद कि विभिन्न सम्पतियों की जियो टैगिंग तथा सम्पति कर का पुर्ननिर्धारण करना है।
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सर्वेक्षण करने वाली टीमों को दें पूर्ण सहयोग
इससे नगर परिषद को यूनिट एरिया तरीके के आधार पर सम्पति कर (Property Tax) लगाने के इलावा शहर की बेहतर प्लानिंग करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस सर्वे के तहत शहर में कुछ वार्डों का ड्रोन सर्वे किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि शनिवार से ही शहर के वार्ड 2, 6, 7, 8 को पहले चरण में लेकर घर-घर जाकर सर्वेक्षण शुरू किया गया है। प्रत्येक वार्ड में दो से तीन लोगों की एक टीम हर घर-द्वार पर जा रही है। जिसमें वह उस वार्ड में सम्पतियों का पूर्ण ब्यौरा अपने रिकॉर्ड में दर्ज करेगी और संबंधित प्रॉपर्टी के मालिकों से हस्ताक्षर भी लेंगे। संदीप कुमार ने सभी शहरवासियों से आग्रह किया कि सर्वेक्षण करने वाली टीमों को पूर्ण सहयोग दें।