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Union Budget: छतरी महंगी, मोबाइल चार्जर सस्ता…और क्या-क्या हुआ सस्ता-महंगा, यहां जानें
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में बजट पेश किया। उन्होंने रोजगार, मकान और शिक्षा आदि के संबंध में कई बड़ी घोषणाएं कीं। इस बार फिर से आयकर (Income Tax) में कोई छूट नहीं दी गई। वित्त मंत्री ने इस बजट में युवाओं के लिए 60 लाख नौकरियां अवसर तैयार करने का वादा किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से अगले 25 साल की बुनियाद रखी जाएगी। इस बजट में सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया है। कुछ प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है, जिससे ये प्रोडक्ट महंगे हो गए हैं। वहीं, कुछ प्रोडक्ट्स पर सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी (Import Duty) घटाई भी है। ऐसे में आपके मन में भी सवाल होगा कि इस बजट का आपके पॉकेट पर कितना असर होगा, तो चलिए जान लेते हैं बजट में क्या महंगा-क्या सस्ता हुआ।
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वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन चार्जर (Mobile Phone Charger), मोबाइल फोन कैमरा लेंस, ट्रांसफॉर्मर की डोमेस्टिंग मैन्युफैकचरिंग को बढ़ावा देने के लिए कस्टम ड्यूटी में कंसेशन देने की घोषणा की है। ज्वैलरी इंडस्ट्री को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कट और पॉलिश डायमंड के साथ रत्नों पर कस्टम ड्यूटी ( Custom Duty) को पांच फीसदी कर दिया है। सिंपली सोन्ड डायमंड पर अब कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी। वहीं, सरकार ने छाते पर ड्यूटी बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी है।
यहां जानें क्या होगा सस्ता
कपड़ा, चमड़े का सामान होगा सस्ता
मोबाइल फोन और चार्जर सस्ता होगा
हीरे की ज्वेलरी सस्ती होगी
खेती का सामान सस्ता होगा
पॉलिस हीरे पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई
विदेशी मशीनें सस्ती होंगी
खेती का सामान सस्ता होगा
इलेक्ट्रॉनिक आइटम सस्ते होंगे
जूते-चप्पल सस्ते होंगे
क्या-क्या हुआ महंगा यहां जानें
कैपिटल गुड्स (Capital Goods) पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है। इमिटेशन ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, ताकि इसके आयात को कम किया जा सके। विदेशी छाता भी महंगा होगा। इसके अलावा इस साल अक्टूबर से बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल पर 2 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी लगेगी।
बजट का असर ज्यादा प्रोडक्ट्स पर नहीं
ऐसी बहुत सारी चीजें नहीं हैं, जिन पर असर पड़ा हो। 18 सामानों के दाम बढ़े हैं और केवल 8 सामान सस्ते हुए हैं। दरअसल, अब 90 फीसदी चीजों की कीमत जीएसटी तय करता है, लेकिन विदेश से मंगाई जाने वाली वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी का असर रहता है और इसकी घोषणा बजट में की जाती है। इसलिए पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी और इंपोर्टेड प्रोडक्ट्स जैसे- शराब, चमड़ा, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स, मोबाइल (Mobile), केमिकल, गाड़ियां जैसी चीजों की कीमत पर बजट घोषणाओं का असर पड़ता है। इन पर ही सरकार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाती या घटाती है। कुछ पर एक्साइज भी लगाया जाता है।
इंपोर्ट ड्यूटी क्या होती है
इंपोर्ट ड्यूटी वह टैक्स है जो किसी दूसरे देश से आने वाले सामान (इंपोर्ट) पर वसूला जाता है। इंपोर्ट ड्यूटी कितनी लगेगी, यह सामान की कीमत के साथ-साथ सामान किस देश का है और कई अन्य चीजों पर निर्भर करता है। इंपोर्ट ड्यूटी को कस्टम ड्यूटी, टैरिफ, इंपोर्ट टैक्स या इंपोर्ट टैरिफ भी कहते हैं। इंपोर्ट ड्यूटी के दो उद्देश्य होते हैं। सरकार के लिए आय जुटाना और लोकल लेवल पर प्रड्यूज होने वाले सामान को मार्केट में फायदा दिलाना।