-
Advertisement
गोविंद ठाकुर बोले: नई शिक्षा नीति बच्चों को बनाएगी रोजगारपरक, देश बनेगा आत्मनिर्भर
कुल्लू। राष्ट्रीय शिक्षा नीति बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ उन्हें रोजगारपरक बनाने में मददगार होगी। यह नीति देश को आत्मनिर्भर बनाने और आने वाले समय में विश्व समाज को नया रास्ता दिखाने वाली होगी। यह विचार शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Govind Singh Thakur) ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुल्लू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ( National education policy 2020) पर आयोजित राज्य स्तरीय सेमीनार की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। सेमीनार में प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों व स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया।
यह भी पढ़ें: #Corona से जंग जीत चुके CM जयराम ठाकुर लौटेंगे सचिवालय, इस दिन होगी Cabinet Meeting
गोविंद ठाकुर ने कहा कि भारतवर्ष में तक्षशिला व नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे, जहां बच्चों में संस्कारयुक्त व रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनका सर्वांगीण विकास किया जाता था। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को दी है वह देश व समाज में बड़ा बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि 2030 तक प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तायुक्त शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित बनाई जाएगी। यह नीति सबके कल्याण की कल्पना करती है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में नया विश्वविद्यालय (College) खोलेगी और इसके लिए धनराशि की भी व्यवस्था करेगी। मेरू नाम के इस विश्वविद्यालय में अनुसंधान व अध्ययन दोनों को महता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्राप्त करने की सोच को अपने देश में ही पूरा किया जाएगा। इसके लिए विश्व के टॉप 100 विश्वविद्यालयों को भारतवर्ष में लाने की नीति है। भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़े, इसके लिए राष्ट्रीय अुनसंधान फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि दूरवर्ती शिक्षा तथा डिजिटल शिक्षा पर विशेष बल दिया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने से कम संख्या वाले कॉलेज नहीं होंगे बंद
गोविंद ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने से छात्रों की कम संख्या वाले कॉलेज बंद नहीं होंगे, बल्कि कलस्टर यूनिवर्सिटी के तहत कार्य करेंगे। कलस्टर यूनिवर्सिटी में सूचना एवं प्रोद्योगिकी पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 12वीं कक्षा तक 100 फीसदी नामांकन तथा स्नात्तक कक्षाओं में 50 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जो बच्चे आर्थिक तौर पर पिछड़े हैं अथवा स्कूल जाने में असमर्थ हैं, उन बच्चों के लिए विशेष शिक्षा अंचल बनाएं जाएंगे और इनमें निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था केन्द्र सरकार द्वारा की जाएगी।
हिमाचल की ताजा अपडेट Live देखने के लिए Subscribe करें आपका अपना हिमाचल अभी अभी Youtube Channel