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हिमाचल में दिवाली पर सिर्फ 2 घंटे जलेंगे ग्रीन पटाखे, NGT के आदेश
शिमला। दिवाली (Diwali) पर हवा प्रदूषण कम हो इसलिए हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में ग्रीन पटाखे (Green Crackers) जलाए जाएंगे। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (National Green Tribunal) के आदेशों के बाद लिया गया है। बढ़ते हवा प्रदूषण में ज्यादा पटाखों का इस्तेमाल पर्यावरण को दूषित कर सकता है। इसलिए ग्रीन पटाखे जलाए जाएंगे। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी जिलों के डीसी और एसपी को पत्र लिखकर इन आदेशों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं।
साइलेंस जोन के पास पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध
इस बारें में जानकारी देते हुए बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी ने बताया कि NGT की तरफ से हवा प्रदूषण के कारण संवेदनशील शहरों में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। जबकि सामान्य श्रेणी में आने वाले शहरों में सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाए जाएंगे। ये पटाखे भी सिर्फ 2 घंटे तक ही जलाए जाएंगे। इसके अलावा साइलेंस जोन जैसे- हॉस्पिटल, नर्सिंस होम और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन (Educational Institution) के 100 मीटर के दायरे में पटाखे नहीं फोड़े जाएंगे। अगर, कोई ऐसा करता है तो उसे हवा प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981, ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2,000 और पर्यावरण सरंक्षण अधिनियम 1986 के उल्लंघन पर 5 साल जेल या एक लाख जुर्माना हो सकता है।
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इको-फ्रेंडली हैं हरे पटाखे
हरे पटाखे इको-फ्रेंडली (Eco-friendly crackers) पटाखे होते हैं, जिन्हें सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर नीरी) ने 2019 में खास तरह के पटाखे बनाए, जिनका साइज छोटा होता है और ये कोई राख भी नहीं छोड़ते। इन्हीं पटाखों को ग्रीन पटाखे कहा जाता है।
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