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हर घर तिरंगा अभियान का आगाज, अमित शाह ने अपने घर पर लहराया राष्ट्रध्वज
स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) अभियान की शुरुआत आज से हो गई है। 13 से 15 अगस्त तक यह अभियान चलाया जाएगा। इसी के चलते देशभर में हर घर तिरंगा अभियान की गूंज सुनाई देने लगी है। देश इस साल आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है। क्योंकि 15 अगस्त को देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे हो रहे हैं। इसी को सेलिब्रेट करने के लिए हर घर तिरंगा मुहिम शुरू की गई है। हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत आज गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के घर से हुई है। शाह ने आज अपने घर से भारत के राष्ट्रीय ध्वज को लहराकर आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत चलाए जा रहे इस अभियान का औपचारिक रूप से आगाज किया।
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आजादी के इस अमृत महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए आमजन से 13 अगस्त से 15 अगस्त तक अपने घरों पर तिरंगा लगाने की अपील की गई है। इस अभियान के तहत 20 करोड़ घरों पर तिरंगा फहराने का टारगेट सरकार ने रखा है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत देश के अलग- अलग हिस्सों में कल तिरंगा यात्राएं निकाली गईं। ऐसे में भारतीय ध्वज तिरंगा के उपयोग और फहराने से संबंधित भारतीय ध्वज संहिता (Indian Flag Code) के तहत नियमों को जानना जरूरी है। तिरंगे का उपयोग और प्रदर्शन राष्ट्रीय गौरव का अपमान निवारण अधिनियम 1971 और भारतीय ध्वज संहिता 2002 के द्वारा नियंत्रित होता है।
तिरंगा हर भारतवासी का अभिमान है।
यह देश की समस्त विविधताओं को एकता के सूत्र में पिरोकर अद्भुत राष्ट्रभक्ति का सृजन करता है।@narendramodi जी द्वारा शुरू किए #HarGharTiranga अभियान के अंतर्गत आज अपने आवास पर तिरंगा लगा कर देश के लिए सर्वस्व अर्पण करने वाले वीरों को नमन किया। pic.twitter.com/KoPl1p1EH9
— Amit Shah (@AmitShah) August 13, 2022
भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी, 2002 को संशोधित किया गया था और नागरिकों को न केवल राष्ट्रीय दिवसों पर बल्कि किसी भी दिन अपने घरों, कार्यालयों और कारखानों पर तिरंगा फहराने की अनुमति दी गई थी। नागरिकों को कानून के आधार पर राष्ट्रीय ध्वज को कैसे फहराना है, इसके बारे में नियमों और विनियमों का पालन करना होगा। झंडा हमेशा आयताकार होना चाहिए, लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3रू2 होना चाहिए। झंडा किसी भी आकार का हो सकता है, जब तक वह इस अनुपात में है। 20 दिसंबर 2021 को एक आदेश के माध्यम से ध्वज संहिता में संशोधन किया गया था। अब पॉलिएस्टर से बने मशीन.बुने हुए झंडों (Flag) के उपयोग की अनुमति भी है। पहले हाथ से काता और हाथ से बुने हुए ऊन, कपास, रेशम, खादी इत्यादि के कपड़े उपयोग होते थे।