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हिमाचल के वॉटर सेस को चुनौती देने की याचिका पर सुनवाई 4 दिसंबर को
(विधि संवाददाता) शिमला। हिमाचल सरकार के वॉटर सेस अधिनियम (Water Cess Act Of Himachal Govt) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई 4 दिसंबर को होगी। भारत सरकार के उपक्रमों और निजी विद्युत कंपनियों ने अधिनियम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं (Petitions Filed) दायर की है। याचिकाकर्ताओ की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद अब राज्य सरकार की ओर से याचिकाओं पर सुनवाई होनी है।
एनटीपीसी (NTPC), बीबीएमबी (BBMB), एनएचपीसी (NHPC) और एसजेवीएनएल (SJVNL) की दलील है कि केंद्र और राज्य सरकार के साथ अनुबंध के आधार पर कंपनियां 12 से 15 फीसदी बिजली मुफ्त (Free Electricity) देती हैं। इस स्थिति में हिमाचल प्रदेश वॉटर सेस अधिनियम के तहत कंपनियों से सेस वसूलने का प्रावधान संविधान के अनुरूप नहीं है। 25 अप्रैल 2023 को केंद्र सरकार ने पाया कि कुछ राज्य केंद्रीय उपक्रमों से सेस वसूल रहे हैं। भारत सरकार (Indian Govt) ने राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को हिदायत दी थी कि भारत सरकार के उपक्रमों से वॉटर सेस न वसूला जाए।
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हिमाचल सरकार पर लगाए आरोप
याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि इसके बावजूद हिमाचल सरकार केंद्र के निर्देशों की अनुपालना नहीं कर रही है। इससे पहले प्रदेश में निजी जल विद्युत कंपनियों ने भी हिमाचल प्रदेश वॉटर सेस अधिनियम को चुनौती दी है। निजी जल विद्युत कंपनियों ने आरोप लगाया गया है कि पनबिजली परियोजना (Hydropower Projects) पर वॉटर सेस लगाया जाना संविधान के प्रावधानों के विपरीत है।