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युग हत्या मामले के दोषियों की सजा-ए-मौत पर हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, यहां पढ़ें
शिमला। युग हत्या मामले (Yug murder case) में हिमाचल हाईकोर्ट ने दोषियों की मृत्युदंड सजा के लिए सुनवाई 13 जून को निर्धारित की है। न्यायाधीश सवीना व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। मामला सत्र न्यायाधीश की ओर से रेफरेंस के तौर पर हाईकोर्ट (High Court) के समक्ष रखा गया है। इस मामले में तीनों दोषियों ने भी अपील के माध्यम से सत्र न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी है। उल्लेखनीय है कि तीन दोषियों को फिरौती के लिए चार साल के मासूम युग की अपहरण के बाद निर्मम हत्या (Murder) करने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिमला की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।
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6 सितंबर, 2018 को तीनों दोषी चंद्र शर्मा, तेजिंद्र पाल और विक्रांत बख्शी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने इस अपराध को दुर्लभ में दुर्लभतम श्रेणी के दायरे में पाया था। तीनों दोषियों ने 14 जून, 2014 को शिमला (Shimla) के रामबाजार से फिरौती के लिए युग का अपहरण किया था। अपहरण के दो साल बाद अगस्त 2016 में भराड़ी पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद किया गया था। तीनों ने मासूम के शरीर में पत्थर बांध कर उसे जिंदा पानी से भरे टैंक में फेंक दिया था।
हिमाचल सरकार के प्रयासों को सराहा
उच्च न्यायालय ने कुष्ठ केंद्र के रोगियों के हित में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया है। अपनी संतुष्टि दर्ज करते हुए मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने कहा प्रतिवादियों द्वारा उठाए गए कदम न्यायालय द्वारा पारित आदेशो में संतुष्टि की भावना को दर्ज करते है।अदालत ने यह आदेश स्थानीय निवासी नीरज शाश्वत द्वारा दायर याचिका पर पारित किए, जिसमें कुष्ठ रोगियों (Leprosy Patients) के लिए फागली, शिमला में एक टूटी -फूटी इमारत की बुनियादी सुविधाओं की कमी और दयनीय स्थिति का आरोप लगाया गया था। अपर मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) के हलफनामे के माध्यम से न्यायालय को बताया गया कि कुष्ठ केंद्र के रोगियों से किराया, बिजली और पानी (Water) शुल्क नहीं लेने के लिए आवश्यक निर्देश राज्य सरकार द्वारा 24 मार्च, 2022 को जारी कर दिए हैं। कुष्ठ कॉलोनी की मरम्मत का कार्य ठेकेदार को सौंप दिया गया है और वर्तमान में उक्त कार्य प्रगति पर है।
डीसी शिमला का हलफनामा किया पेश
उक्त हलफनामे में आगे कहा गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कुष्ठ रोगी कालोनी के मरीजो को 5 किलो चावल और गेहूं मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission) के तहत रियायती राशन भी दिया जा रहा है। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने उपायुक्त शिमला (DC Shimla) का एक हलफनामा भी पेश किया, जिसमें बताया गया है कि ब्लॉक बीए सीए डी और ई में छत की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है और इन ब्लॉकों की पुरानी छत को बदल दिया गया है। मरम्मत का काम प्रगति पर है।
हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा इस काम बाबत 91,98,950 रुपए का संशोधित एस्टीमेट प्रस्तुत किया गया था। जिसमें से 47,85,200 रुपए पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। आगे कहा गया कि उक्त रोगियों की नियमित चिकित्सा जांच की जा रही है और अभी तक कॉलोनी में कुष्ठ रोग का कोई सक्रिय मामला नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि कुष्ठ केंद्र के अधिकांश निवासी शिमला शहर के विभिन्न हिस्सों में वजन मशीनों, एलोवेरा और अन्य स्थानीय उत्पादों के साथ-साथ बच्चों के छोटे खिलौने बेचकर अपनी आजीविका कमा रहे हैं और सभी रोगियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी प्रदान की जा रही है। मामले में आगे की प्रगति देखने के लिए अदालत ने इसे 13 जून, 2022 को सूचीबद्ध किया।
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