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वीकेंड पर सैलानियों से गुलजार हुई Kullu-Manali, पटरी पर लौटने लगा पर्यटन कारोबार
कुल्लू/ बंजार। कोरोना( Corona) काल में हिमाचल में पर्यटन कारोबार (Tourism Business) धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। प्रदेश सहित बाहरी राज्यों से पर्यटक हिमाचल के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर पहुंच रहे हैं। आज वीकेंड पर प्रदेश सहित कुल्लू-मनाली (Kullu – Manali)के पर्यटक स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। पर्यटक यहां पिछले 6 माह से बंद पड़ीं पर्यटन एडवेंचर गतिविधियों का भी लुत्फ उठा रहे है । जिससे कुल्लू-मनाली में एडवेंचर पर्यटन से जुड़े लोगों के व्यवसाय में तेजी आ रही है। बता दें कि प्रदेश में वीकेंड के चलते काफी संख्या में पर्यटक हिमाचल का रूख कर रहे हैं। जिससे शहर के होटलों (Hotels) में 80 से 90 फीसदी ऑक्यूपेंसी पहुंच गई है। चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। सैलानियों की आमद बढ़ने से घाटी के पर्यटन कारोबारी उत्साहित हैं। सैलानियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है। मुंबई और महाराष्ट्र से कुल्लू मनाली घूमने आए पर्यटकों (Tourists) ने बताया कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 6 माह के बाद अनलॉक में हिमाचल में घूमने का मजा आ रहा है। यहां आकर पर्यटन एडवेंचर गतिविधियों के अलावा पहाड़ों का आनंद ले रहे हैं।
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घाटी में पहुंचे सैंकड़ों वाहन, जाम जैसी बनी स्थिति
उपमडल बंजार की तीर्थन और जीभी घाटी में भी करीब सात माह के बाद वीकेंड पर पर्यटकों की खूब आवाजाही देखने को मिल रही है। अभी इस वीकेंड पर गत तीन दिनों में तो अपेक्षा से भी ज्यादा पर्यटकों ने बंजार की वादियों में दस्तक दी है। जलोड़ी दर्रा (Jalordi pass) में बाहरी राज्यो से आए पर्यटकों के सैंकड़ों वाहनों की लंबी कतारें लग गईं जिस कारण यातायात जाम जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस वीकेंड में हजारों की तादाद में बाहरी राज्यों के इलावा हिमाचल (Himachal) के अन्य जिलों के पर्यटकों ने घाटी में दस्तक दी है। पर्यटकों की बढ़ती आमद को देखकर स्थानीय पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल गए हैं और उन्हें राहत पहुंची है।
जलोड़ी दर्रा बना पर्यटकों की पहली पसंद
जिला कुल्लू के जलोड़ी दर्रा, सरेलसर झील, रघुपुर फोर्ट, जीभी और तीर्थन घाटी में बाहरी राज्यों पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटका आदि राज्यों के हजारों सैलानी दस्तक दे रहे हैं। जो यहां पर आकर खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं और यहां की शुद्ध आवोहवा का खूब लुत्फ उठा रहे हैं। हालांकि तीर्थन घाटी का विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (Great Himalayan National Park) और छोई झरना अभी तक पर्यटकों की आवाजाही के लिए प्रतिबंधित है लेकिन जीभी घाटी और जलोड़ी दर्रा के आसपास पर्यटक बिना किसी रोकटोक के कहीं पर भी घूमने फिरने का आनंद ले रहे हैं।
क्यों आते हैं पर्यटक जलोड़ी दर्रा, क्या है यहां की विशेषता
जलोड़ी दर्रा हिमाचल प्रदेश के कुल्लु जिला में हिमालय पर्वत की चोटी पर स्थित एक ऊंचा दर्रा है जिसकी ऊंचाई समुंद्र तल से करीब दस हजार फीट है। यह दर्रा इनर सराज और बाह्य सराज के मध्य स्थित कुल्लु जिला के बंजार और आनी उपमंडल को आपस में जोड़ता है। जलोड़ी दर्रा से पूर्व की ओर बाह्य तथा पशिचम की ओर इनर सराज का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। आजकल वर्षाकाल के पश्चात जलोड़ी दर्रा समेत पूरी जिभी और तीर्थन घाटी अपनी अलग ही खुबसूरती पेश कर रही है। प्राकृतिक सौन्दर्य से ओतप्रोत यहां की वादियां, हरे भरे जंगल, ऊंचे पहाड़ों से गिरते हुए झरने, परिन्दों की सुरलेहरिओं से गुनगुनाती धारें, उफनती गरजती नदियां, सुरमयी झीलें, ढलानदार वादियां और चारागाहों जैसी अछूती हरितमा दृश्यावली के कारण ही यह स्थल पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहां तक सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह दर्रा सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी होने के कारण अकसर मध्य दिसंबर माह से फरवरी माह तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहता है। जलोड़ी दर्रा, जिभी, शोजागढ़, रघुपूर गढ़, खनाग, टकरासी और सरेउलसर झील जैसे प्राकृतिक सौंदर्य से लवरेज खूबसूरत स्थल वर्षों पहले ही साहसिक पर्यटन के नक्शे पर आ चुके हैं।
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