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हाईकोर्ट ने औद्योगिक इकाइयों से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी चार्ज वसूलने पर लगाई रोक
शिमला। हाईकोर्ट ने कुछ औद्योगिक इकाइयों से 1 सितंबर 2023 को जारी अधिसूचना के तहत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी चार्ज वसूलने पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह रोक लगाते हुए कोर्ट ने औद्योगिक इकाइयों को पुरानी रियायती दर से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी देते रहने के आदेश भी दिए। एसीएमई जेनेरिज प्राइवेट लिमिटेड और अन्य औद्योगिक इकाइयों द्वारा दायर मामलों की प्रारम्भिक सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने यह आदेश पारित किए।
प्रार्थी कंपनी ने 1 सितंबर 2023 को जारी अधिसूचना को याचिका के माध्यम से यह कहकर चुनौती दी है कि इस अधिसूचना के तहत गलत तरीके से उनसे बिजली पर बढ़ाई हुई दर वसूली जा रही है। जबकि उन्होंने हिमाचल प्रदेश सिंगल विंडो इन्वेस्टमेंट प्रमोशन और फेसिलिटेशन एक्ट 2018 के मुताबिक इस बाबत स्वीकृति व रियायत प्राप्त कर रखी है। प्रार्थी कंपनी के अनुसार औद्योगिक नीति के मुताबिक उन्होंने अपनी औद्योगिक इकाई का विस्तार किया। इसके पश्चात प्रार्थी कंपनी ने रियायती इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी क्लीयरेंस के लिए सिंगल विंडो इन्वेस्टमेंट प्रमोशन और फैसिलिटेशन एक्ट 2018 के मुताबिक आवेदन किया।
राज्य सरकार द्वारा प्रार्थी कम्पनी के आवेदन पर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में एक फ़ीसदी के हिसाब से रियायत देते हुए अगले 5 वर्षों तक यह छूट देने की स्वीकृति प्रदान की। राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक प्रार्थी कंपनी से बढ़ी हुई दरों पर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी वसूल करना कानून के विपरीत है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रथम दृष्टया प्रार्थी कम्पनी की दलीलों से सहमति जताते हुए प्रार्थी कंपनी से 1 सितंबर 2023 को पारित अधिसूचना के मुताबिक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी वसूलने पर स्थगन आदेश पारित कर दिए।