-
Advertisement

शारीरिक शिक्षकों को न्यूनतम योग्यता में छूट देने के निर्णय पर हाईकोर्ट ने फिलहाल लगाई रोक
शिमला। हाईकोर्ट से शारीरिक शिक्षकों को न्यूनतम योग्यता में छूट देने के निर्णय पर फ़िलहाल रोक लग गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील पर प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया है।राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के 19 जुलाई 2022 के निर्णय को अपील के माध्यम से चुनौती दी है। 1996 से 1999 तक प्रतिवादियों ने शारीरिक शिक्षा में एक वर्षीय डिप्लोमा किया था। उसके बाद इन्होंने शारीरिक शिक्षक की नियुक्ति के लिए रोजगार कार्यालयों में नाम दर्ज करवाया था।
वर्ष 2011 में पुराने नियमों को निरस्त किया गया, नए नियम चलाए
पुराने भर्ती एवं पदोन्नती नियमों के अनुसार,शारीरिक शिक्षक के लिए आवश्यक योग्यता मैट्रिक के साथ एक साल का डिप्लोमा था। वर्ष 2011 में पुराने नियमों को निरस्त किया गया और राज्य सरकार ने नए नियम बनाए। इसके तहत 50 फीसदी अंकों के साथ जमा दो की आवश्यक योग्यता और दो शैक्षणिक वर्षों की अवधि का डिप्लोमा निर्धारित किया गया। इससे वर्ष 1997-98 में एक वर्षीय डिप्लोमा धारक शारीरिक शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए अपात्र हो गए। अपात्र अभ्यर्थियों के अनुरोध पर राज्य सरकार ने बैचवाइज भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में एक मुश्त छूट दी। शर्त लगाई गई कि इन सभी को पांच वर्ष की अवधि के भीतर अपनी शैक्षिक योग्यता में सुधार करना होगा।
आगामी सुनवाई 19 जुलाई 2023 को होगी।
वर्ष 1996 -1998 बैच के अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई लेकिन उनसे कनिष्ठ व्यक्तियों को बैचवाइज के आधार पर नियुक्त किया गया। सरकार के इस निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। अदालत ने सरोज कुमार के मामले में एक वर्षीय डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति देने का निर्णय सुनाया था। इस निर्णय को सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया गया था। इसके बावजूद भी एक वर्षीय डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति नहीं दी जा रही थी। एकलपीठ ने इनके पक्ष में निर्णय देते हुए सरकार को न्यूनतम योग्यता में छूट देने के बाद नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। मामले पर आगामी सुनवाई 19 जुलाई 2023 को होगी।
यह भी पढ़े:हाईकोर्ट ने बहाल रखा थुनाग कोर्ट का स्टेटस, जयराम के गृह क्षेत्र सराज में वकीलों का संघर्ष रंग लाया
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group