-
Advertisement
हाईकोर्ट ने वेटलैंड रखरखाव से जुड़े मामले में सरकार से खनन लाइसेंस धारकों की सूची की तलब
हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश की वेटलैंड के रखरखाव से जुड़े मामले में राज्य सरकार से खनन लाइसेंस धारकों की सूची तलब की है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी यमुना नदी की आद्रभूमि की निशानदेही करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ के समक्ष देहरादून निवासी गजेंद्र रावत द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में गुहार लगाई गई है कि वेटलैंड के 10 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोक लगाई जाए और इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जारी लाइसेंस को रद्द किया जाए। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने यमुना नदी की वेटलैंड के 10 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोक लगाने के आदेश पारित किए हैं। कोर्ट ने कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए वेटलैंड की निशानदेही करवानी आवश्यक है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह उत्तराखंड राज्य की सहमति से इसकी निशानदेही सर्वे ऑफ इंडिया जैसी एजेंसी से करवाए, ताकि अवैध खनन को रोकने के लिए प्रभावी आदेश पारित किए जा सके।
केंद्र सरकार ने 421.28 लाख रुपये जारी किए थे
उल्लेखनीय है कि एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालाना में हाईकोर्ट ने वेटलैंड की देखरेख पर संज्ञान लिया है। रेणुकाजी, खजियार, और पोंग डेम वेटलैंड के रखरखाव को केंद्र सरकार ने 421.28 लाख रुपये जारी किए थे। वेटलैंड भूमि का वह क्षेत्र है जिसमें या तो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से पानी जमा होता है। शीर्ष अदालत ने पाया था कि कई वेटलैंड और झीलें गायब हो रही हैं।
यह भी पढ़े:हाईकोर्ट ने दिए मानव भारती विवि के खिलाफ फर्जी डिग्री मामले में दायर किए चालान पेश करने के आदेश
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने देश में दो लाख से अधिक वेटलैंड की पहचान की है, जिसने 2011 में एक राष्ट्रीय वेटलैंड एटलस तैयार किया था और 2,01,503 वेटलैंड की मैपिंग की गई थी। शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा था कि केंद्र सरकार सभी 2,01,503 वेटलैंड की सुरक्षा के लिए सूची तैयार करे और राज्य सरकारों के परामर्श से अधिसूचित करे। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिए थे कि संबंधित उच्च न्यायालय इसकी देखरेख करें। हाईकोर्ट के दखल के बाद प्रदेश सरकार ने वेटलैंड्स (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 बनाए। सरकार ने 15 जून 2017 को राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जिसका कार्य वेटलैंड की पहचान और संरक्षण करना था। मामले पर सुनवाई 8 अगस्त को होगी।
