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हाईकोर्ट ने स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने की अनुपालना रिपोर्ट की तलब
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश के स्कूलों में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने की अनुपालना रिपोर्ट तलब की है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की है। कोर्ट ने राज्य सरकार को चेताया था कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की अनुपालना करने में दिखावटी सेवा देने की कोशिश ना करें।
निजी स्कूलों को दिए थे कोर्ट ने आदेश
कोर्ट ने सरकार से सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को आदेश दिए थे कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाए। स्कूलों को इसकी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी भाषा में नोटिस बोर्ड में लगाने के आदेश दिए गए थे। इसके अलावा आम जनता की जानकारी के लिए नोटिस को स्कूल के परिसर के बाहर चिपकाने के साथ-साथ पंचायत घर, सार्वजनिक स्थान, पंचायतों के विभिन्न वार्ड, बस स्टॉप, नगर परिषद, नगरपालिका के विभिन्न वार्ड में चिपकाने को कहा गया था।
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याचिकाकर्ता नमिता मनिकटाला ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम की अक्षरश: अनुपालना न करने का आरोप लगाया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि हिमाचल के सभी स्कूलों में कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। हालांकि हाईकोर्ट ने 30 अगस्त 2016 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम की अनुपालना करने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने इन आदेशों की अनुपालना कागजों में ही की।