-
Advertisement
हाईकोर्ट के आदेशः पुलिस अपनी संपत्तियों का व्यवसायीकरण कर दुरुपयोग ना करें
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस प्रशासन( Police Administration) की संपत्तियों का व्यवसायीकरण (commercialization) करने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने अपने आदेशों में यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पुलिस अपने खेल मैदानों सहित अन्य संपत्तियों का व्यवसायीकरण कर दुरुपयोग ना करे। मामले के अनुसार प्रार्थी मैसर्ज मान्या गारमेंट्स ने याचिका दायर कर पुलिस ग्राउंड चंबा (Police Ground Chamba) का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। प्रार्थी को 3 अक्टूबर 2023 को एसपी चंबा ( SP Chamba) ने पुलिस ग्राउंड का व्यायवसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की थी। इसके लिए 20,000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कुल 3 लाख रुपए किराया देने का करार हुआ था। अनुमति मिलने के 9 दिन बाद पुलिस प्रशासन ने उपरोक्त अनुमति वापिस ले ली। इसका कारण प्रशासनिक बताया गया।
ग्राउंड में दुकानें लगाने के लिए भारी राशि खर्च की
प्रार्थी का कहना था कि उसने अनुमति मिलने के बाद ग्राउंड में दुकानें लगाने के लिए भारी राशि खर्च की है और उसे मिली अनुमति को वापिस लेने का निर्णय एक तरफा लिया गया। कोर्ट ने प्रार्थी की दलीलों से असहमति जताते हुए कहा कि पुलिस ग्राउंड (Police Ground) का इस्तेमाल व्यवसायिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता इसलिए प्रार्थी को कोई राहत प्रदान नहीं की जा सकती। कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि पुलिस ग्राउंड कैसे व्यावसायिक गतिविधियों के लिए दिया गया जबकि इसका इस्तेमाल केवल पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों द्वारा ही किया जा सकता है। कोर्ट ने डीजीपी ( DGP) को आदेश दिए कि वह जांच कर पता करे कि किन परिस्थितियों में पुलिस ग्राउंड चंबा को व्यावसायिक गतिविधियों के लिए दिया गया।