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स्वास्थ्य सेवाओं की अनदेखी करने पर हाईकोर्ट की सरकार को फटकार
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (High Court)ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पर्याप्त ध्यान ना देने पर राज्य सरकार(State Govt)को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कहा कि वे यह जानकर व्यथित हैं कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं (Health facilities)उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा से जुड़े बुनियादी ढांचे में सुधार करने में बहुत कम रुचि दिखा रही है। कोर्ट ने विशेषकर शिमला, टांडा और चंबा के मुख्य अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर के बुनियादी ढांचे (Trauma center Infrastructure) पर चिंता जाहिर की है।
सीएम ने 9 मार्च को किया था ट्रॉमा सेंटर का लोकार्पण
कोर्ट ने हैरानी जताई कि आईजीएमसी शिमला (IGMC Shimla) में सीएम ने बीते साल 9 मार्च को ट्रॉमा सेंटर का लोकार्पण किया था, परंतु आज तक यह शुरू नहीं हुआ। स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कोर्ट ने पाया कि ये ट्रामा सेंटर या तो पर्याप्त स्टॉफ (Staff) ना होने के कारण शुरू नहीं हुए हैं या इनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। चिकित्सा उपकरणों और मशीनों की कमी के कारण भी ये ट्रामा सेंटर सुचारू नहीं बनाए गए हैं। कोर्ट ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए मुख्य सचिव को स्वास्थ्य ,वित्त, लोक निर्माण, फायर से टी विभाग और अन्य संबंधित विभागों के मुखिया की एक संयुक्त बैठक बुलाने के आदेश दिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को शिमला, टांडा और चंबा में ट्रॉमा सेंटरो को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए कदम उठाने के आदेश भी जारी किए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को 19 जून तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए।