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CPS की नियुक्तियों का मामला- सरकार को 16 अक्टूबर तक देना होगा जवाब
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने डिप्टी सीएम समेत CPS को काम करने से रोकने के आवेदन का जवाब देने के लिए सरकार को अंतिम मौका दिया है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बीसी नेगी ने मामले की सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की है। हालांकि सरकार ने CPS की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं (Petitions Challenging Appointments of CPS and Deputy CM) की गुणवता पर सवाल उठाया है। सरकार की ओर से दलील दी गई है कि सभी याचिकाएं हाईकोर्ट के नियमों के अनुसार दायर नहीं की गई है। याचिकाकर्ता ऊना से विधायक सतपाल सिंह सत्ती और अन्य 11 विधायकों ने मामले के अंतिम निपटारे तक सभी CPS को काम करने से रोकने के आदेशों की मांग की है। कोर्ट ने इस आवेदन का जवाब दायर करने के लिए सरकार को अंतिम मौका (Deadline) दिया है।
3 याचिकाओं से मिली है चुनौती
CPS की नियुक्तियों को तीन याचिकाओं के माध्यम से चुनौती दी गई है। सबसे पहले वर्ष 2016 में पीपल फॉर रिस्पांसिबल गवर्नेंस संस्था ने CPS को चुनौती दी थी। नई सरकार की ओर से CPS की नियुक्ति किए जाने पर उन्हें प्रतिवादी बनाये जाने के लिए आवेदन किया गया। उसके बाद मंडी निवासी कल्पना देवी ने भी CPS की नियुक्तियों को लेकर याचिका दायर की है। BJP नेता सत पाल सत्ती ने डिप्टी सीएम समेत CPS की नियुक्ति को चुनौती दी है। कोर्ट सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है। अर्की विधानसभा क्षेत्र से CPS संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराग्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। सभी याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि पंजाब में भी ऐसी नियुक्तियां की गई थीं, जिन्हें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने असंवैधानिक ठहराया था।
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