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High Court: डीपीई शिक्षकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम ना बनाने पर हाईकोर्ट सख्त
High Court Orders: शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने डीपीई शिक्षकों (DPE Teachers) के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम ना बनाने पर शिक्षा विभाग (Education Department) को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने 20 मई तक यह नियम बनाने के आदेश जारी करते हुए शिक्षा सचिव को चेतावनी दी है कि यदि अगली सुनवाई तक नियम नहीं बने तो उन्हें अदालत की अवमानना के जुर्म में दंडित किया जा सकता है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने हिमाचल प्रदेश डीपीई संघ द्वारा दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि डेढ़ वर्ष पहले हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षाओं को पढ़ाने वाले शारीरिक शिक्षकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली से ऐसा प्रतीत होता है कि उसे हाईकोर्ट के फैसलों के प्रति कोई सम्मान नहीं है।
उच्च पद के लिए पदोन्नति पाने में असमर्थ
मामले के अनुसार प्रार्थी संघ का आरोप है कि वे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के छात्रों को शारीरिक शिक्षा (Physical Education) प्रदान कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने बिना भेदभाव के अन्य विषयों के स्कूल लेक्चरर के बराबर वेतनमान पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी। उसमें सफलता पाने के बाद एनसीटीई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता पूरी करने वाले डीपीई शिक्षकों को सरकार ने अन्य स्कूल प्रवक्ताओं के बराबर वेतनमान तो दे दिया परंतु नए भर्ती एवं पदोन्नति नियम नहीं बनाए। इन नियमों के अभाव में वे उच्च पद के लिए पदोन्नति पाने में असमर्थ हैं। प्रार्थी संघ का कहना है कि उनके लिए वर्ष 1973 के भर्ती एवं पदोन्नति नियम ही आज तक लागू किए जा रहे हैं जबकि वर्तमान में वे अब अन्य प्रवक्ताओं के बराबर ही वेतनमान ले रहे हैं। कोर्ट प्रार्थी संघ की दलीलों से सहमति जताते हुए 1 दिसम्बर 2022 को पारित फैसले के तहत डीपीई शिक्षकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियम बनाने के आदेश दिए थे जिन्हें आज तक अमल में नहीं लाया गया।