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चरस रखने के दोषी को सुनाई 10 साल कैद की सजा हाईकोर्ट ने रखी बरकरार
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने साढ़े तीन किलो चरस के साथ पकड़े दोषी को सुनाई गई 10 साल के कारावास की सजा को सही ठहराया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने प्रार्थी नारायण सिंह की याचिका को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा। दोषी ने विशेष न्यायाधीश चंबा के निर्णय को हाईकोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने उसे 10 साल की कठोर कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। 10 फरवरी 2016 को पुलिस ने दोषी से 3.5 किलोग्राम चरस बरामद की थी।
पुलिस ने दोषी के खिलाफ मादक पदार्थ निरोधक अधिनियम की धारा 20 के तहत मामला दर्ज किया था। दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष ने 16 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे। हाईकोर्ट ने पाया कि ट्रायल कोर्ट ने बयानों को सही सराहा है। कोर्ट ने पाया कि दोषी से पकड़ी गई पूरी की पूरी चरस की खेप प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजी गई थी। अदालत ने दोषी की अपील को खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है।
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