-
Advertisement
सेब की MSP को लेकर अब 6 जुलाई को सड़कों पर उतरेंगे बागवान
Last Updated on June 21, 2023 by sintu kumar
शिमला। सेब की MSP, APMC एक्ट, लीगल मैट्रौलॉजी एक्ट, हिमाचल प्रदेश पैसेंजर एंड गुड्स एक्ट जैसी 17 मांगों को लेकर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradseh) के बागवान 6 जुलाई को सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। सेब उत्पादक संघ (Apple Growers Association) के आज यहां संपन्न अधिवेशन में यह फैसला लिया गया। विरोध प्रदर्शन सभी ब्लाक में SDM या तहसीलदार दफ्तर के बाहर किया जाएगा।
अधिवेशन में बागवानों की 17 मांगों को लेकर चर्चा की गई। 6 जून के प्रदर्शन के दौरान बागवानों की मांगे नहीं मानी गई तो इसके बाद आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। सेब उत्पादक संघ के हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर ने बताया कि बागवानों ने APMC एक्ट 2005, लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 और पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स एक्ट 1955 के सभी प्रावधानों को सख्ती से लागू करने की मांग की है।
ए ग्रेड सेब का न्यूनतम MSP 80 रुपए प्रति किलो हो
संघ ने अधिवेशन में APMC एक्ट, लीगल मैट्रौलॉजी एक्ट, हिमाचल प्रदेश पैसेंजर एंड गुड्स एक्ट को लागू करने, यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने, सेब की पैकेजिंग सामग्री को GST फ्री करने, ए ग्रेड सेब का न्यूनतम समर्थन मूल्य 80 रुपए, बी ग्रेड का 60 रुपए, सी ग्रेड का 30 रुपए तय करने, HPMC व व हिमफैड द्वारा बागवानों की बकाया पेमेंट का भुगतान करने, ओलावृष्टि व असामयिक बारिश-बर्फबारी से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है।
24 किलो की शर्त मंजूर नहीं
अधिवेशन में बागवानों ने प्रति पेटी 24 किलो सेब भरने की शर्त का विरोध किया। सोहन ठाकुर ने बताया कि कुल्लू में 24 किलो की पेटी का बागवान को 20 किलो का पर्चा देकर रेट तय किया जाएगा। यह प्रदेश के बागवानों के साथ ठगी होगी। यह निर्णय व्यावहारिक नहीं है। सेब की पैकिंग इंटरनेशनल स्टेंडर्ड के हिसाब से यानी 20 किलो प्रति पेटी होनी है। उन्होंने बताया कि अधिवेशन में बागवानों ने टेलीस्कोपिक की जगह यूनिवर्सल कार्टन अनिवार्य करने की मांग की।