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Sukhu सरकार की मुसीबतें बढ़ाने Delhi पहुंचे पुराने कांग्रेसी, थमा दी चिट्ठी
Sudhir Sharma Others Meet JP Nadda In Delhi: नई दिल्ली। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के हिमाचल से बाहर कदम रखते ही राजनीतिक सरगर्मियां फिर से तेज हो गई। बीते फरवरी माह में हिमाचल की राजनीतिक में हलचल मचाने वाले नौ में से छह आज फिर दिल्ली में फूलों का गुलदस्ता लेकर पहुंच गए। हम उन्हीं नौ में से छह की बात कर रहे हैं,जो फरवरी में हिमाचल की सुक्खू सरकार के लिए नासूर बन गए थे। जीए सुधीर शर्माए इंद्रदत्त लखनपाल, आशीष शर्मा,राजेंद्र राणा,चैतन्य व देवेंद्र भुटृटो। ये छह के छह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) से दिल्ली में मिले। दिल्ली के बीजेपी कार्यालय में नड्डा से मुलाकात के बाद सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) ने हालांकि, अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि मैंने नड्डा जी से मिलकर धर्मशाला के जदरांगल में केंद्रीय विश्वविद्यालय (CU) के निर्माण को शीघ्र शुरू करवाने के लिए केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की। साथ ही केंद्र से विभिन्न मदों में आ रही राशी के प्रदेश वित्त विभाग द्वारा अन्य जगह उपयोग करने का भी संज्ञान लेने का आग्रह किया। लेकिन आप समझ गए होंगे इस मुलाकात के पीछे की कहानी।
संगठन चुनाव में समर्थकों की अनदेखी की शिकायत
ये पुराने कांग्रेसी रहे हैं,अब बीजेपी (BJP) में हैं,लेकिन इनकों रंज कहीं ना कहीं अपनी भगवां पार्टी से भी है। संगठन चुनाव चल रहे हैं,उसमें अपने समर्थकों की अनदेखी की बात भी इन्होंने नड्डा के सामने रखी। क्योंकि पुराने बीजेपी वाले भी तो इन्हें पूरी तरह गले से नीचे कहां उतार पा रहे हैं। ऐसे में इन्होंने विस्तार से अपनी बात नड्डा के सामने रखी। नड्डा हिमाचल (Himachal) की नब्ज से वाकिफ हैं,वह भी तो इन्हीं के बीच से निकलकर दिल्ली (Delhi) पहुंचे हुए हैं। खैर इस सबके बीच मुख्य मसला तो ये है कि ये छह के छह नड्डा से ये शिकायत करके आए हैं कि केंद्र से जो विभिन्न मदों से आ राशि आ रही हैं, प्रदेश का वित्त विभाग उसे अन्य जगह उपयोग कर रहा है। इस पर कार्रवाई की बात करके आए हैं। खैर ये तो तय है कि जिस तरह से पिछले दिनों हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान व्यक्तिगत आरोप लगाए गए हैं,उससे राजनीतिक लड़ाई अब बढ़ने वाली है। सीएम सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) अभी तो हिमाचल से बाहर हैं,देखना होगा लौटते ही वह क्या राजनीतिक तीर छोड़ते हैं।
-पंकज शर्मा