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#Himachal Cabinet : SJVN और NHPC को मिली रॉयल्टी की छूट सरकार ने वापस ली
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) एवं NHPC को प्रदत्त बाधा रहित निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी की छूट को वापस लेने का निर्णय लिया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां हुई कैबिनेट की बैठक (Himachal Cabinet) में यह निर्णय लिया गया। दोनों निगमों को बाधा रहित निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी की छूट मिली हुई थी। इसी के साथ सुक्खू कैबिनेट ने वॉटर सेस (Water Cess) की दरों के युक्तिकरण को भी स्वीकृति दी है।
कैबिनेट ने स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति में संशोधन का निर्णय लिया है। इसके तहत समझौता ज्ञापन (MoU) 40 वर्षों के लिए होगा और रॉयल्टी की दरें 12 वर्ष के लिए 15 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों के लिए 20 प्रतिशत तथा शेष 10 वर्षों के लिए 30 प्रतिशत होंगी। इसके उपरांत परियोजना राज्य सरकार को बिना किसी लागत तथा सभी तरह की देनदारियों और ऋण भार से मुक्त वापिस मिल जाएगी। हालांकि, बढ़ी हुई अवधि के लिए राज्य को अदा की जाने वाली रॉयल्टी 50 प्रतिशत से कम नहीं होगी।
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इन परियोजनाओं के लिए नहीं मिलेगी रॉयल्टी की छूट
सुक्खू मंत्रिमंडल ने 210 मेगावाट क्षमता की लुहरी चरण-1, 66 मेगावाट क्षमता की धौलासिद्ध, 382 मेगावाट क्षमता की सुन्नी बांध तथा 500 मेगावाट क्षमता की डुगर जल विद्युत परियोजना के लिए सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) और NHPC को प्रदत्त बाधा रहित निःशुल्क विद्युत रॉयल्टी की छूट वापस लेने का निर्णय लिया है। मंत्रिमण्डल ने जल विद्युत परियोजनाओं से लिए जाने वाले जल उपकर की दरों का युक्तिकरण करने का भी निर्णय लिया है।
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विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत सहायता राशि 2 लाख हुई
बैठक में हिमाचल प्रदेश विधवा पुनर्विवाह योजना (Widow Remarriage Scheme) के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य में सफाई कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के लिए उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत शामिल करने का निर्णय लिया गया।
गिरे हुए पेड़ों के निपटान की मानक प्रक्रिया को मंजूरी
मंत्रिमण्डल ने वन भूमि में गिरे पेड़ों की गणना, चिन्हांकन, निष्कर्षण और निपटान के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को मंजूरी प्रदान की। इससे स्थानीय स्तर पर लकड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और इसे अपरिष्कृत रूप में ढालने में भी मदद मिलेगी। साथ ही परिवहन लागत में कमी आएगी और राजस्व में भी वृद्धि होगी। इससे फील्ड स्टाफ की दक्षता में भी वृद्धि होगी।
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ई-टैक्सी के लिए 50 फीसदी अनुदान
बैठक में राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 के तहत सरकारी विभागों, स्थानीय प्राधिकरणों, स्वायत्त निकायों, बोर्ड, निगमों, सरकारी उपक्रमों और अन्य संस्थानों में ई-टैक्सी किराये पर लेने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को अनुमति प्रदान की गई। इस योजना से युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और राज्य सरकार ई-टैक्सी खरीदने के लिए 50 प्रतिशत उपदान प्रदान करेगी। यह निर्णय वाहन प्रदूषण को कम करने तथा हरित राज्य बनने की ओर आगे बढ़ने में दूरगामी भूमिका निभाएगा। यह योजना 2 अक्तूबर, 2023 से कार्यान्वित की जाएगी। मंत्रिमण्डल ने श्रम एवं रोजगार विभाग का नामकरण श्रम, रोजगार एवं विदेशी नियोजन (प्लेसमेंट) विभाग के रूप में करने को मंजूरी प्रदान की।