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हिमाचल के क्रिप्टो घोटाले की चपेट में 1 लाख में से 1000 पुलिसकर्मी, फर्जी आईडी की पहचान
शिमला। हिमाचल में क्रिप्टोकरेंसी का घोटाला (Crypto Scam In Himachal Pradesh) एक लाख लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। इस मामले की जांच कर रही विशेष SIT ने अभी तक 2.5 लाख आईडी की शिनाख्त (2.5 Lakh ID Identified) की है, जिनमें एक ही व्यक्ति की कई आईडी (Multiple ID) पहचानी गई है। एक एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 1000 पुलिसकर्मियों (Policemen) के इस क्रिप्टो घोटाले में शिकार होने की संभावना है। इनमें से कई पुलिस कर्मियों में से कुछ ने नौकरी में रहते हुए और कुछ ने वीआरएस (VRS) लेकर दूसरों को भी क्रिप्टो में निवेश के लिए प्रेरित किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मियों ने इस रैकेट में निवेश कर खूब पैसा कमाया। जालसाजों ने कम से कम एक लाख लोगों को धोखा दिया है और 2.5 लाख आईडी (पहचान पत्र) पाए गए हैं, जिनमें एक ही व्यक्ति की कई आईडी शामिल हैं। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, घोटालेबाजों ने दो क्रिप्टोकरेंसी – ‘कोरवियो कॉइन’ (KRO) और ‘डीजीटी कॉइन’ पेश किये थे और इन डिजिटल मुद्राओं (Digital Currencies) की कीमतों में हेरफेर के साथ फर्जी वेबसाइट बनाईं।
अधिकांश शिकार मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा के
क्रिप्टो घोटाले में पुलिसकर्मियों के साथ ही शिक्षक, सरकारी कर्मचारी और कारोबारियों ने भी पैसा लगाया। निवेश करने वाले अधिकांश पुलिस कर्मियों को नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन उनके द्वारा योजना के प्रचार से निवेशकों के बीच विश्वास उत्पन्न हुआ और निवेश योजना को विश्वसनीयता मिली। यह घोटाला 2018 में शुरू हुआ था, जिसमें अधिकांश पीड़ित मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा (Kangra) जिलों से थे। कुछ मामलों में, एक अकेले व्यक्ति ने 1,000 लोगों को इसके साथ जोड़ा था।