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हिमाचल में नालों का होगा चैनेलाइजेशन, बनेगी रिटेनिंग वॉल; गाइडलाइन जारी
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बरसी प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) के दौरान सब-कुछ बहा ले जाने वाले नालों का अब चैनेलाइजेशन (Channelization) होगा। इनकी रिटेनिंग वॉल (Retaining Wall) बनेगी और दोनों के निर्माण का खर्च सरकार उठाएगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के आदेश पर योजना सलाहकार ने सभी उपायुक्तों को पत्र जारी (Letter Issued To DC) किए हैं। इसके तहत किन्नौर और लाहुल-स्पीति को छोड़कर बाकी सभी जिलों में क्षेत्रीय विकेंद्रीयकृत कार्यक्रम (SDP) के तहत यह काम किया जाएगा।
पत्र में साफ लिखा है कि राज्य सरकार ने रिटेर्निंग वॉल और नालों के चैनेलाइजेशन की अनुमति दे दी है। यह अनुमति उन मामलों में भी होगी, जिनका व्यक्तिगत लाभ मिलेगा। इसके लिए SDP के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी। इसमें स्पष्ट किया गया है कि क्षेत्रीय विकेंद्रीयकृत कार्यक्रम के तहत जिलों में जो पैसा पड़ा हुआ है, उसे इस मद पर खर्च किया जाए।
पटवारी और प्रधान के सर्टिफिकेट की होगी जरूरत
रिटेनिंग, ब्रेस्ट वॉल और नालों के तटीकरण के लिए पात्रता के लिए पटवारी और प्रधान की ओर से प्रमाणपत्र या रिपोर्ट लेनी होगी। नुकसान का आंकलन देना होगा। इसके लिए जून 2023 के बाद के मामले लिए जाएंगे और जहां पर मकान को पहुंचे नुकसान का मामला है, वहां पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। ऐसे मामलों में पटवारी और प्रधान रिपोर्ट देंगे कि संबंधित स्थानों की मिट्टी ढीली पड़ गई है।
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योजना अगले साल 31 मार्च तक
ऐसे में नालों का तटीकरण बहुत जरूरी है, जिससे निजी या सार्वजनिक संपत्ति का संरक्षण किया जा सके। इन गाइडलाइंस (Guidelines) में यह रियायत वित्तीय वर्ष 2023-24 में लागू रहेगी और 31 मार्च 2024 तक ही रहेगी। इन कार्यों के लिए मंजूर किया गया पैसा 30 जून 2024 तक या मानसून के आने से पहले खर्च करना होगा।